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भगोड़ा अपराधी घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड देने जैसा : विजय माल्या

शराब कारोबारी और बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन के मालिक विजय माल्या ने कहा कि उसे भगोड़ा घोषित करके एक तरह से आर्थिक तौर पर मौत की सजा दी गई है। माल्या ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि उसकी संपत्तियों को जब्त करने के बाद से उसके पास कुछ भी नहीं बचा है।

कर्ज चुकाने के लिए नहीं बेच पा रहा हूं संपत्ति

माल्या ने अपने वकील अमित देसाई से जस्टिस रंजीत मोरे और भारती डांगरे की पीठ के समक्ष कहा कि आर्थिक भगोड़ा कानून के लागू होने के बाद से जांच एजेंसियों ने उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ऐसे में वो कर्ज चुकाने के लिए अपनी संपत्तियों को बेच भी नहीं पा रहा है। इससे कर्ज और इसके ऊपर लग रहा ब्याज लगातार बढ़ता जा रहा है। यह एक तरह से आर्थिक तौर पर मौत की सजा के बराबर है।

संपत्ति जब्त करने पर लगे रोक

देसाई ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि वो देश भर माल्या की संपत्ति को जब्त करने पर रोक लगाए। हालांकि पीठ ने इसको स्वीकार नहीं किया। एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने जनवरी में माल्या को आर्थिक तौर पर भगोड़ा घोषित किया था।

लंदन कोर्ट से भी मिला झटका

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटिश हाई कोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। माल्या लंदन के आईसीआईसीआई बैंक से अपना पैसा नहीं निकाल सकेगा। ब्रिटिश हाई कोर्ट के जज मास्टर डेविड कुक ने भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकों के आईसीआईसीआई बैंक की लंदन शाखा में जमा माल्या के 2.34 करोड़ रुपये तक पहुंच का अंतरिम आदेश दिया है।

विजय माल्या वसूली की कोशिशों से राहत पाने के लिए ब्रिटिश हाई कोर्ट को समझा पाने में नाकामयाब रहा। बुधवार को कोर्ट ने माल्या के लंदन स्थित बैंक अकाउंट से 2,59,000 पाउंड यानी 2.34 करोड़ रुपये पर कब्जा पाने भारतीय बैंकों की कोशिश के खिलाफ कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया है।

कोर्ट ने रखी ये शर्त

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने शर्त रखी है कि जब तक माल्या के खिलाफ चल रहे मामलों पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक बैंक यह धन निकाल नहीं सकेगा। बता दें कि लंदन में मौजूद माल्या पर ब्रिटिश अदालतों में मामले चल रहे हैं, यह उनमें से एक है।

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