भोपाल।
 यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन (म.प्र.), प्रदेश भर के सार्वजनिक, निजी, विदेशी सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के करीब-करीब शत-प्रतिशत बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है ने राज्य के बैंक एवं वित्तीय संस्थानों में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट-1881 के तहत गुरूनानक जयंति पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग, राज्य सरकार से की है।
यूनाईटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन (म.प्र.), प्रदेश भर के सार्वजनिक, निजी, विदेशी सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के करीब-करीब शत-प्रतिशत बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है ने राज्य के बैंक एवं वित्तीय संस्थानों में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट-1881 के तहत गुरूनानक जयंति पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग, राज्य सरकार से की है।
को-आर्डीनेटर, वी.के. शर्मा ने बताया कि, म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2018 के लिए निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत मात्र 16 अवकाश घोषित किए हैं, जबकि अन्य राज्यों- महाराष्ट्र में 24, पश्चिम बंगाल में 22, तमिलनाडु में 24, केरल में 21, कर्नाटक में 25, उत्तर प्रदेश में 25 अवकाश है।
शर्मा ने बताया कि, म.प्र. में अभी तक हर वर्ष गुरूनानक जयंती को बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों में अवकाश घोषित होता आया है, लेकिन इस बार अवकाश की घोषणा नहीं होना आश्चर्यजनक है, क्योंकि ”सिख समुदाय“ के लिए वर्ष में केवल ”गुरू नानक जयंती“ पर अवकाश घोषित किया जाता रहा है, लेकिन इस बार उन्हें इस अवकाश से वंचित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़, झारखंड सहित 15 राज्यों में अवकाश
उल्लेखनीय है कि म.प्र. के अलावा विभिन्न राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, असम, चंडीगढ़, जम्मू एंड काश्मीर, झारखंड आदि अन्य राज्यों में उनकी राज्य सरकारों द्वारा गुरूनानक जयंती पर एन.आई. एक्ट के अन्तर्गत सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। गुरूनानक जी सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदाओं के भी आदरणीय हैं एवं सभी समुदाओं के लोगों को उनके विचारों से प्रेरणा मिलती रहती है, इसी कारण सभी लोग ”गुरूनानक जयंती“ को गुरू पर्व के रूप में मनाते हैं। राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि 23 नवंबर शुक्रवार को ”गुरूनानक जयंती“ पर्व पर ‘‘एन.आई. एक्ट’’ के तहत ‘‘सार्वजनिक अवकाश’’ घोषित करने के आदेश प्रदान कर प्रदेश की जनता एवं बैंक कर्मियों की भावनाओं का सम्मान करें।
 Dainik Aam Sabha
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