नई दिल्ली ।
आम चुनाव से पहले पेश 2019 के बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रक्षा क्षेत्र के लिए खजाना खोल दिया है। वित्त मंत्री ने एलान किया कि इस बार का रक्षा बजट का आवंटन तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगा। रक्षा बजट में पहली बार इतनी बड़ी धन राशि का आवंटन किया गया है। वहीं हाई रिस्क में ड्यूटी कर देश की रक्षा करने वाले जवानों के साहस को सलाम करते हुए उनके भत्ते में भी इजाफा किया गया है।
पाकिस्तान और चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के चलते 2019 के बजट में इजाफे की उम्मीद की जा रही थी। वित्त मंत्री ने उसे पूरा भी किया। हालांकि पिछले वर्षों में रक्षा बजट में की गई वृद्धि से इस साल के इजाफे से कहीं ज्यादा रही है। 2018 का रक्षा बजट 2.95 लाख करोड़ था। यानी इस बार बजट में पांच हजार करोड़ की वृद्धि हुई है। जबकि पिछली बार रक्षा बजट 20 हजार करोड़ रुपये बढ़ा था। 2017 का रक्षा बजट 2.74 करोड़ रुपये था।
इस बार रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी कई अन्य कारणों से भी जरुरी थी। सेना का कहना था कि मेक इन इंडिया के 25 प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए उसके पास धन नहीं है। उसे ज्यादा रक्षा बजट आवंटन चाहिए। वहीं 15 लाख सैनिकों वाली विशाल भारतीय सेना को आधुनिक हथियारों की भी जरुरत है। इसके अलावा भारत को चीन के चुनौती मिलती है। चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना ज्यादा है। वहीं भारत अपनी जीडीपी का मात्र 1.56 फीसदी रक्षा पर खर्च करता है। जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक हमें अपनी जीडीपी का कम के कम 3 प्रतिशत जीडीपी पर खर्च करना चाहिए क्योंकि अमेरिका अपनी जीडीपी का 4 फीसदी, चीन 2.5 और पाकिस्तान 3.5 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित करता है।
संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने 40 साल से लटकी वन रैंक वन पेंशन यानी ओआरओपी लागू की। उन्होंने बताया कि केंद्र ने ओआरओपी के लिए 35 हजार करोड़ रुपये दिए हैं।