Saturday , June 21 2025
ताज़ा खबर
होम / लाइफ स्टाइल / लगातार शोर-शराबे से है नुकसान

लगातार शोर-शराबे से है नुकसान

लगातार शोर-शराबे के बीच रहने से कान को नुकसान पहुंचता है और इंसान की सुनने की क्षमता घटने लगती है। डब्ल्यूएचओ का आंकड़ा बताता है कि दुनिया में 12 से 35 वर्ष उम्र के एक अरब से ज्यादा युवा मनोरंजन के लिए शोर के उच्च स्तरों के बीच रहते हैं, जिससे उन्हें बाद में सुनने में दिक्कत हो सकती है। आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग एक-तिहाई लोग सुनने में अक्षम होते हैं।

डब्ल्यूएचओ का एक और आंकड़ा कहता है कि दुनियाभर में लगभग 46.6 करोड़ लोगों को सुनने में कठिनाई होती है। यदि कोई उपाय नहीं किया गया तो वर्ष 2050 तक यह संख्या बढकऱ 90 करोड़ हो जाएगी। इसलिए कान के नुकसान की पहचान के लिए प्रारंभिक जांच और इलाज पर जोर दिया जाना जरूरी है।

सुनने की क्षमता घटने के पीछे जो कारण हो सकते हैं, उनमें प्रमुख हैं- परिवार में पहले से ही इस समस्या का होना, संक्रमण, तेज शोर, दवाइयां और बढ़ती उम्र आदि। इनमें से कई कारणों से सुनने की क्षमता कम हो सकती है, जबकि टीकाकरण और शोर पर प्रतिबंध लगाकर इसे रोका जा सकता है। रूबेला, मैनिनजाइटिस और मम्प्स जैसे संक्रमणों के परिणामस्वरूप बच्चों में सुनने की क्षमता घटने की प्रवृत्ति को टीकाकरण जैसी रणनीतियों से प्रभावी रूप से रोका जा सकता है।

हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि समय के साथ हर दिन होने वाले शोर से सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। जोरदार शोर के बीच लगातार रहने से संवेदी तंत्रिका को नुकसान हो सकता है। 90 डीबी (जो कि लॉन में घास काटने की मशीन या मोटरसाइकिल से निकलने वाले शोर के बराबर है) के संपर्क में 8 घंटे, 95 डीबी में 4 घंटे, 100 डीबी में 2 घंटे, 105 डीबी (पॉवर मॉवर) में एक घंटा और 130 डीबी (लाइव रॉक संगीत) में 20 मिनट ही रहने की अनुमति दी जाती है।

उन्होंने कहा कि 110-120 डीबी पर बजने वाले संगीत में आधे घंटे से भी कम समय रहने पर कान को नुकसान पहुंच सकता है। शॉर्ट ब्लास्ट यानी 120 से 155 डीबी से अधिक शोर, जैसे कि पटाखे की आवाज से गंभीर सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस, दर्द या हाइपरकेसिस (तेज शोर से जुड़ा दर्द) हो सकता है। अधिकांश बम 125 डीबी से अधिक का शोर पैदा कर सकते हैं।’’

यह अनुशंसा की जाती है कि जो लोग लगातार 85 डीबी से अधिक के शोर के बीच में रहते हैं, उन्हें मफ या प्लग के रूप में श्रवण सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, ‘‘वैदिक साहित्य में ध्वनि के चार उन्नयन या स्तरों का वर्णन किया गया है- पैरा (प्रकृति का पृष्ठभूमि शोर, कोई बोली जाने वाली ध्वनि नहीं), पश्यंती (देखकर महसूस की गई ध्वनि), मध्यमा (श्रव्य ध्वनि), और वैखरी (स्पष्ट ध्वनि या बोले गए शब्द)। हमें पश्यंती और मध्यमा में बोलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शोर व्यक्ति के शरीर को सिम्फेथेटिक मोड की ओर ले जाता है। इसलिए, हमें परिवेशीय शोर के स्तर को कम करने के लिए धीरे से बोलने का प्रयास करना चाहिए। अब देखा जा रहा है कि क्लास रूम या लेक्चर हॉल या डीजे म्यूजिक में माइक के लिए उपयोग किए जाते हैं। उपयोग किए जाएं, लेकिन वॉल्यूम कम रखें। इसके अलावा, दर्शकों से पूछें कि क्या आप मेरी आवाज सुन पा रहे हैं? पहले माइक के बिना बात करने का प्रयास किया जाना चाहिए।’’

एचसीएफआई के कुछ सुझाव

* स्कूलों और अस्पतालों जैसे क्षेत्रों के आसपास यातायात का प्रवाह जितना संभव हो, कम से कम किया जाना चाहिए। ऐसे स्थानों के पास साइलेंस जोन और हॉर्न का प्रयोग न करें, जैसे साइनबोर्ड लगाए जाने चाहिए।

* मोटरबाइक में खराब साइलेंसर नहीं होने चाहिए और शोर मचाने वाले ट्रकों को भी दुरुस्त किया जाना चाहिए।

* पार्टियों और डिस्को में लाउडस्पीकरों के उपयोग के साथ-साथ सार्वजनिक घोषणा प्रणाली की जांच होनी चाहिए और इन्हें हतोत्साहित किया जाना चाहिए।

* साइलेंस जोन में शोर संबंधी नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।

* सडक़ों और आवासीय क्षेत्रों में पेड़ लगाने से ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकता है, क्योंकि वृक्ष ध्वनि को अवशोषित करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 Slot 2025 Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login