राहत के लिए करना होगा लंबा इंतजार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का दौर अगले 48 घंटें तक जारी रहेगा। राजस्थान और पाकिस्तान से आने वाली गर्म हवाओं से तापमान में बढ़ोतरी होगी। स्काईमेट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर सहित समूचे उत्तर भारत के लोगों को राहत पाने के लिए इस साल लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
आरएनएस के मुताबिक, पश्चिमी कोस्ट यानी अरब सागर में लो-प्रेशर एरिया बनाने की संभावना है। इससे दिल्ली और एनसीआर एरिया में उमस से लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। उमस और तापमान में बढ़ोतरी से गरज के साथ छींटे पड़ सकती है। हालांकि तेज हवाओं का दौर जारी रहेगा और 12 जून तक दिल्ली और एनसीआर में आंधी तूफान के साथ बारिश हो सकती है।
आमतौर पर दिल्ली में मानसून 29 जून को पहुंचता है। हालांकि स्काईमेट का अनुमान है कि दिल्ली में मानसून पहुंचने में 1 हफ्ते तक की देरी हो सकती है। अनुमानों के मुताबिक दिल्ली में मानसून सामान्य रहेगा और पूरे उत्तर-पश्चिमी हिस्से में भी मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। मानसून में देरी की वजह का बारिश की मात्रा कम या ज्यादा होने से कोई संबंध नहीं है लेकिन केरल में देरी से मानसून पहुंचने पर देश के अन्य हिस्से में इसे पहुंचने में देरी हो जाती है।
ज्ञात हो कि एक सप्ताह की देरी पर आखिरकार शनिवार को मानसून केरल के तट पर पहुंच गया। यह देश में चार महीने के बारिश सत्र की आधिकारिक घोषणा होती है। देश के लिए यह बहुत बड़ी राहत वाली खबर है क्योंकि पश्चिमी और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में जल स्तर बहुत नीचे तक पहुंच गया है और देश भर के बड़े हिस्से में खेती पर भी बहुत दबाव है। केरल के तट पर पहुंचने से बहुत पहले 18 मई को ही यह दक्षिणी अंडमान सागर में पहुंच चुका था।