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सुदामा चरित्र प्रसंग के साथ संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का समापन


* कथा वाचक पंडित दीपक उपाध्याय ने सुदामा चरित्र का सुंदर वर्णन किया
( राजेन्द्र शर्मा )
आम सभा,बैरसिया।

पंडित आशीष मुदगल एवं महिला मंडल द्वारा दिनांक 8 अप्रैल से 14 अप्रैल तक मैला ग्राउंड बैरसिया में कथा वाचक पंडित दीपक उपाध्याय के मुखारविंद चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत का शुक्रवार को सुदामा चरित्र के साथ समापन हुई।
कथा वाचक पंडित दीपक उपाध्याय ने सुदामा चरित्र का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो तो भगवान कृष्ण और सुदामा जैसी करो सच्चा मित्र वही होता है।जो अपने मित्र की परेशानी समझे और विना बताए ही मदद कर दे।परन्तु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्व नही होता तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर अपने परम मित्र श्रीकृष्ण से मिलने द्वारका पूरी जाते है।जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते है। तब प्रहरियों से श्रीकृष्ण को अपना मित्र बताते है। और अंदर जाने की बात कहते है। सुदामा की बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है। और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्री व्यक्ति कैसे हो सकता है।प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा श्रीकृष्ण से बिना मिले ही लौटने लगते है। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है।महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खडा है आपको अपना मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान श्रीकृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले जाते है।और अपने मित्र सुदामा को रोककर गले से लगा लेते है।और कहते है कि सुदामा तुम अपने मित्र से बिना मिले ही वापिस जा रहे हो भगवान कृष्ण को सुदामा के गले लगा देखकर प्रहरी और नगरवासी अचंभित हो जाते है।भगवान श्रीकृष्ण सुदामा को अपने साथ रथ पर बिठा कर महल के अंदर ले जाते है।और मित्र को सिंघासन पर बिठा कर स्वयं नीचे बैठ जाते है। भगवान श्रीकृष्ण को नीचे बैठा देख रानियां भी अचंभित हो जाती है।भगवान कृष्ण ने सुदामा के पैर अपने आंसुओ से धोया और पैरों के कांटे निकले।भगवान कृष्ण ने सुदामा को बगैर मांगे ही सब कुछ दिया।भगवान कृष्ण ने सुदामा को गुरुकुल में बचन दिया था कि मित्रता में निभाउंगा।
इसलिए मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा जैसी होनी चाहिए अन्यथा मित्रता की आवश्यकता ही नही है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष केदार सिंह मंडलोई प्रदेश कांग्रेस महासचित अवनीश भार्गव बैरसिया विधान सभा की पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती जयश्री हरिकरण भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किसन सूर्यबंशी सहित बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी जनता मौजूद थी।

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