Thursday , November 13 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / मध्यप्रदेश में सर्दी का कहर: राजगढ़ 7.4°C, इंदौर 7.6°C; 13 जिलों में शीतलहर, अनूपपुर-बालाघाट में कोल्ड डे

मध्यप्रदेश में सर्दी का कहर: राजगढ़ 7.4°C, इंदौर 7.6°C; 13 जिलों में शीतलहर, अनूपपुर-बालाघाट में कोल्ड डे

भोपाल
 उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में जारी बर्फबारी का सीधा असर मध्य प्रदेश के मौसम पर दिख रहा है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाओं ने प्रदेश के तापमान में भारी गिरावट ला दी है। भोपाल, इंदौर, राजगढ़ समेत कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और मौसम विभाग ने 13 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।
कई जिलों में पारा 7 डिग्री के नीचे

एमपी के कई इलाकों में बुधवार-गुरुवार की रात पारा 1 से 2 डिग्री तक गिर गया। राजगढ़ सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इंदौर में 7.6 डिग्री, भोपाल में 8.2 डिग्री, और जबलपुर में 9.9 डिग्री तापमान रहा। ग्वालियर 11.4 डिग्री और उज्जैन 10.7 डिग्री तक पहुंचा। शहडोल के कल्याणपुर में सबसे कम 6.9 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ। पचमढ़ी, जो प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है, वहां तापमान 13.4 डिग्री दर्ज किया गया।

बुधवार-गुरुवार की रात मध्य प्रदेश के कई शहरों के तापमान में 1 से 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। इंदौर में 7.6 डिग्री, भोपाल में 8.2 डिग्री तो जबलपुर में पारा 9.9 डिग्री रहा। ग्वालयर में 11.4 डिग्री और उज्जैन में 10.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। सबसे ठंडा राजगढ़ रहा। यहां तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

वहीं, उमरिया और छतरपुर के नौगांव में 8.4 डिग्री, रीवा में 8.9 डिग्री, शिवपुरी में 9 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में 9.8 डिग्री, मंडला में 10.1 डिग्री, बैतूल-छिंदवाड़ा में 10.2 डिग्री और दतिया में तापमान 10.9 डिग्री सेल्सियस रहा। बाकी शहरों में भी पारा लुढ़का रहा। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पहाड़ी राज्यों से आ रही बर्फीली हवा मौसम विशेषज्ञ पीके शाह ने बताया- इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक सप्ताह पहले ही एक्टिव हो गए। इस वजह से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हो रही है। उत्तर से दक्षिण की ओर बहने वाली हवा का असर एमपी में भी पड़ रहा है। जिससे ठंड का असर तेज हो गया है।

मौसम एक्सपर्ट के अनुसार, कोल्ड डे तब होता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री से अधिक गिर जाता है।

इस बार 25 साल का रिकॉर्ड टूटा मध्य प्रदेश में नवंबर के दूसरे ही सप्ताह में कड़ाके की ठंड से कई शहरों में रिकॉर्ड टूट गए हैं। राजधानी भोपाल में नवंबर का पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री पहुंच चुका है, जो साल 2015 के बाद सबसे कम है।

इंदौर में पारा 7 डिग्री तक जा चुका है। इंदौर में पिछले 25 साल में नवंबर में इतनी सर्दी कभी नहीं पड़ी। यहां नवंबर की ठंड का ओवरऑल रिकॉर्ड 1938 का है, जब पारा 5.6 डिग्री पर पहुंचा था।

दिन में भी ठंडक, पारा लुढ़का रात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। मंगलवार को ज्यादातर शहरों में पारा 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहा। मौसम विशेषज्ञ शाह ने बताया कि दिन में धूप निकलने से पारा बढ़ा है। धूप न निकलने की स्थिति में दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है।

नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंड प्रदेश में नवंबर में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम है। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। इस महीने औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है।

भोपाल में 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन था। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा।

नवंबर में ऐसा रहेगा मौसम मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड का असर बढ़ेगा। हुआ भी वैसा ही। पारे में खासी गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां तापमान और भी लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है।

जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों का मौसम…

भोपाल: 10 साल में 3 बार बारिश हो चुकी नवंबर में भोपाल में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था।

यहां इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।

अगले चार दिन भी रहेगा ठंड का असर

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले चार से पांच दिन तेज ठंड और शीतलहर का असर जारी रहेगा। गुरुवार को जिन जिलों में अलर्ट जारी है। उनमें भोपाल, इंदौर, राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, उमरिया और सिवनी शामिल है।
पश्चिमी विक्षोभ के असर से बड़ी ठंड

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सामान्य से एक सप्ताह पहले सक्रिय हो गया। इससे पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी हो रही है। इसी वजह से उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं सीधे मध्य प्रदेश की ओर आ रही हैं, जिससे दिन और रात दोनों में ठंडक बढ़ गई है।
25 साल में पहली बार नवंबर में इतनी ठंड

राजधानी भोपाल में नवंबर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री पहुंच गया है, जो पिछले 10 सालों में सबसे कम है। वहीं इंदौर में पारा 7 डिग्री तक गिरा, यह पिछले 25 साल में नवंबर का सबसे ठंडा तापमान है। मौसम विभाग के अनुसार, इंदौर में नवंबर का अब तक का न्यूनतम रिकॉर्ड 1938 में 5.6 डिग्री रहा था।
दिन में भी नहीं मिली राहत

इस बार दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। ज्यादातर शहरों में अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, अगर बादल छाए रहे और धूप नहीं निकली तो दिन में भी कोल्ड डे की स्थिति बन सकती है।
समय से पहले आई शीतलहर

आमतौर पर मध्य प्रदेश में नवंबर के मध्य या आखिरी सप्ताह में ठंड शुरू होती है, लेकिन इस बार पहले सप्ताह से ही शीतलहर का असर दिखने लगा है। पिछले 50 सालों के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में तापमान आमतौर पर 6-7 डिग्री तक महीने के अंत में गिरता है, मगर इस बार पहले ही पखवाड़े में यह स्तर देखने को मिल रहा है।
ठंड से स्कूलों के समय में बदलाव

बढ़ती ठंड को देखते हुए अनूपपुर, रीवा और देवास जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। प्रशासन ने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए सुबह के समय की छुट्टियां देर से शुरू करने का निर्देश दिया है।