चुनाव निपटते ही सीएम योगी ने ओम प्रकाश राजभर पर एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की, जिसे राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं सभी को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है।
मालूम हो कि यूपी सरकार में मंत्री रहते हुए भी राजभर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार पर पिछले करीब एक साल से हमले करते आ रहे थे। चुनाव की घोषणा होने के बाद भाजपा और राजभर के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। भाजपा अपने सिंबल पर राजभर को घोसी सीट देना चाहती थी, जिसे उन्होंने नकार दिया था। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की 39 सीटों पर अपनी पार्टी से प्रत्याशी उतार दिए। जिन सीटों से उनकी पार्टी के प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हुए वहां पर राजभर ने कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन दिया।
छठें और सातवें चरण की सीटों पर झोंकी थी ताकत
प्रदेश में राजभर बिरादरी के बीच अपनी मजबूत पकड़ दिखाने के लिए राजभर ने पूर्वांचल और अवध की वे सीटें जहां पर छठवें और सातवें चरण में मतदान हुआ वहां पूरी ताकत झोक रखी थी। हर संसदीय क्षेत्र में कई कई सभाएं की। बिरादरी के मतों को एकजुट करने के लिए अपने समस्त कार्यकर्ताओं को लगा दिया था। राजभर को विश्वास है कि इस चुनाव में पूर्वांचल की विभिन्न सीटों से उनके सभी प्रत्याशियों को मिलाकर दस लाख से भी अधिक वोट मिल सकते हैं।
सभाओं में कई बार जुबां भी फिसली
अपनी चुनावी सभाओं में मंत्री राजभर की जुबान भी फिसली। भाजपा नेताओं के लिए असंसदीय शब्द भी कहे। घोसी में उनके द्वारा बोले गए आपत्तिजनक भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होता रहा। जिसके बाद उनके पुत्र और पार्टी के राष्टीय महासचिव अरुण राजभर ने ट्वीट किया था कि घोसी में अध्यक्ष द्वारा दिए गए भाषण में उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।