पटना ।
बिहार के मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले एक वर्ष से छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क अभियान चला रहा जदयू वहां करीब दो दर्जन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा। किसी भी अन्य दल से तालमेल किए बिना जदयू वहां अपने बल-बूते चुनाव लड़ेगा। प्रथम चरण में पार्टी करीब आधा दर्जन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ में जिन 18 सीटों पर चुनाव होना है, वे सभी नक्सल प्रभावित हैं।
25-26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी पार्टी
छत्तीसगढ़ जदयू के प्रभारी एवं पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रवींद्र सिंह ने बताया कि कुल 90 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए अबतक 53 प्रत्याशियों के बायोडाटा आए हैं। पार्टी उनका आकलन कर रही है। पार्टी छत्तीसगढ़ में अपने प्रभाव वाली सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसी लगभग 25-26 सीटें हैं।
नक्सल प्रभावित इलाकों में भी होंगे उम्मीदवार
उन्होंने बताया कि जहां तक बस्तर सहित 18 नक्सल प्रभावित सीटों पर प्रथम चरण में होने वाले चुनाव का प्रश्न है तो इनमें से कुछ सीटों पर भी जदयू के उम्मीदवार रहेंगे। इनके नामों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी, क्योंकि नामांकन मंगलवार से ही आरंभ हो गया है। प्रथम चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है। दूसरे चरण में 72 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन 26 अक्टूबर से आरंभ होगा जो 3 नवंबर तक चलेगा।
जदयू उठाएगा जल, जंगल और जमीन के मुद्दे
सिंह ने बताया कि पिछले एक साल से जदयू शराबबंदी और आदिवासियों के दोहन-शोषण को मुद्दा बनाकर जनसंपर्क अभियान चला रहा है। हम चुनाव जल, जंगल और जमीन का मुद्दा उठाएंगे। स्थानीय लोगों को वहां रोजगार नहीं मिल रहे जबकि उनकी जमीन पर फैक्ट्रियां लगाई जा रहीं हैं। आउटसोर्सिंग के नाम पर बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है। स्थानीय लोगों को नौकरी में 70 फीसद हिस्सेदारी देने की हमारी मांग है, और हम इस मांग को अपना चुनावी मुद्दा बनाएंगे।
पार्टी अकेले लड़गी चुनाव
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी वहां किसी अन्य दल से तालमेल भी करेगी, रवींद्र सिंह ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ में अपने बूते चुनाव लड़ेंगे। आदिवासियों के बीच हमने काफी जनसंपर्क अभियान चलाया है और प्रथम चरण की नक्सल प्रभावित सीटों पर भी हमारी नजर है।