छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती की अफवाह को लेकर प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है। बिजली कटौती की अफवाह फैलाने के आरोप में राजनांदगांव जिले के मुसरा डोंगरगढ़ निवासी मांगेलाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ आईपीसी के तहत राजद्रोह की धारा 124ए और सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार की धारा 505/1/2 के तहत कार्रवाई की गई है।
माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां इस तरह की कार्रवाई की गई है। मांगेलाल की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की वजह से उनको गिरफ्तार किया गया है। वीडियो में मांगेलाल आरोप लगा रहे हैं कि एक इंवर्टर कंपनी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की सेटिंग हो गई है। इसके लिए राज्य सरकार को पैसा दिया गया है। करार के मुताबिक घंटे-2 घंटे में 10 से 15 मिनट के लिए लाईट कटौती होती रहेगी तो इन्वर्टर की बिक्री बढ़ेगी।
सरकार की इस कार्रवाई पर भाजपा ने विरोध जाहिर किया है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि ये फैसला आपातकाल की ओर बढ़ता कदम है, जो कांग्रेस के खून में है। हम इसका विरोध करेंगे। हम लोगों के लिए लड़ेंगे, जेल जाना पड़ा तो जाएंगे।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके केशरवानी ने कहा कि ये फैसला अलोकतांत्रिक है। हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। सरकार का ऐसा निर्णय संविधान की मूलधारणा के खिलाफ है। लोगों को इसका विरोध करना चाहिए।
बिजली कटौती पर सफाई देते हुए बिजली कंपनी ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती गर्मी के साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है। कंपनी के पास पर्याप्त बिजली है और इसकी सतत आपूर्ति के लिए जनरेशन, ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन की टीम जुटी हुई है।
बिजली कंपनी ने आगे कहा कि कभी-कभार आंधी-तूफान या अन्य स्थानीय कारणों से सप्लाई बाधित होती है, जिसे कुछ असामाजिक तत्व बिजली कटौती का नाम देकर प्रदेश में इंवर्टर, जनरेटर की बिक्री बढ़ाने को लेकर सरकार व बिजली कंपनी की मिलीभगत का भ्रामक प्रसार कर रहे हैं।