
आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : कोरोना – को =कोऊ, रो =रोय, ना =नहीं अर्थात कोई भी रोए नहीं. परम पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवन श्री 108 विद्यासागर जी महा मुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य पाठ शाला प्रणेता मुनि श्री 108 निर्णयसागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 पदमसागर जी महाराज, ऐलक श्री 105 क्षीर सागर जी महाराज ससंघ अतिशय कारी श्री पार्श्व नाथ दिगंबर जैन पुराना मंदिर जी चंदेरी में विराजमान है. उक्त जानकारी देते हुए जैन प्रवक्ता प्रवीण जैन जैनवीर ने बताया कि पूज्य मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज ने अपने संदेश में बताया कि भारत देश में अनादिकाल लोग धर्म की आराधना करते हैं.
अहिंसा और सत्य में विश्वास रखते हैं. इसलिए आज कोरोना महामारी के समय में लोगों को शासन प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर सहयोग करना चाहिए. जैसा कि ऊपर कहा कि कोरोना इसका अर्थ हैं कोई रोए ना आज के इस भयानक माहौल में भी हमें रोने, डरने कि आवश्यकता नहीं हैं हमको अपने घर में रहकर ही अहिंसा, सत्य की आराधना करना चाहिए. यदि हमारे कारण कोई व्यक्ति कोरोना ग्रस्त होता हैं तो यह अहिंसा नहीं हिंसा का कारण होगा. और यदि व्यक्ति हमारे शासन द्वारा निर्धारित नियमों का उललंघन करने से गलत शिक्षा लेगा तो हम अहिंसा, सत्य के आराधक नहीं कहलायेगे न ही महावीर भगवान के अनुयायी होंगे.
एक अच्छा और सच्चा धर्म शासन, प्रशासन के नियमों का पूर्णतः पालन करने का उपदेश देता हैं. मुनि श्री ने यह भी कहा की भारतीय परम्परा में “अतिथि देवो भवा ” का बड़ा महत्व हैं. इसलिए कोई भी भूखा, प्यासा, परेशान व्यक्ति मिलता हैं उसे पूरी निष्ठा से सम्मान पूर्वक भोजन पानी का प्रबंध करना चाहिए और उसे कोराना की भयानक विपरीत परिस्थिति से लड़ने का संबल प्रदान करना चाहिए. पूज्य मुनि श्री ने कहा की चंदेरी में कुछ संस्थाओं एवं युवाओं द्वारा जनसेवा के बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा हैं उन सभी को साधुवाद.
Dainik Aam Sabha