आम सभा, भोपाल। बीएचईएल, बरखेड़ा, सरस्वती मंदिर छठ घाट में चैती छठ पूजा का भव्य आयोजन में 27 अप्रैल 2023 को प्रातः काल छठव्रती श्रद्धालु उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर चार दिवसीय छठ पूजा का पारण किया गया। छठ व्रती श्रद्धालु पूरी आस्था और भक्ति के साथ पूजा की। भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषी लोगो का श्रद्धा एवं लोक आस्था के महापर्व में छठव्रतियों ने अपने दौरा और सूप में पूजन सामग्री और प्रसाद भगवान सूर्य को अर्पित किया। विश्व कल्याण एवं अपनी अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना के साथ तन, मन और पर्यावरण शुद्धि हेतु गरिमामय आयोजन हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
छठव्रती श्रद्धालु ढाई दिनों तक निर्जला उपास कर संतान सुख, विद्या एवं बुद्धि प्राप्ति हेतु माता षष्टी की आराधना एवं भगवन सूर्य की उपासना करती है। इस महापर्व द्वारा स्वच्छता एवं पवित्रता का संदेश दिया जाता है।छठव्रती सर्वप्रथम रूनकी झुनकी बेटी मांगती है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य पूर्ण होती है। यह पर्व में जितनी भी कार्य है सभी प्रकृति से जुड़ने का अवसर देता है।
“उगा उगा हो सुरुज देवा
भइल अरगा के वेल”
जैसे छठ मईया के मधुरिम गीत एवं भजन गायन सरस्वती माता महिला मंडली द्वारा प्रस्तुत किया गया। सरस्वती मंदिर समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिर परिसर को स्वच्छता के साथ लाइटिंग से सुसज्जित किया गया तथा विशेष रूप से कुंडों में नर्मदा जल का भराव किया गया था। छठ महापर्व में छठ वर्ती सर्व प्रथम डूबते हुए सूर्य को प्रणाम करते है। इस आशा के साथ कि अस्त के बाद उदय निश्चित है। छठ पूजा में भारी संख्या में श्रद्धालु एवं भक्त उपस्थित हुए।