पुलवामा हमले पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी और पंजाब सरकार की हो रही किरकिरी के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना रुख साफ करते हुए सोमवार को कहा कि सभी को अपने दिमाग से बोलने का अधिकार है और यह सिद्धू पर निर्भर करता है कि वह अपना रुख स्पष्ट करें।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू का एक तरह से बचाव करते हुए कहा कि उनके इरादे राष्ट्र विरोधी नहीं कहे जा सकते।
मुख्यमंत्री ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए बजट पेश करने से पहले सदन की कार्यवाही में विघ्न डालने के लिए शिरोमणि अकाली दल की तीखी आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हरेक को अपने मन के विचार प्रकट करने का अधिकार है और पुलवामा हमले संबंधी अपने रूख को स्पष्ट करना सिद्धू पर निर्भर है।
टीवी चैनलों के साथ अपनी बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू एक पूर्व क्रिकेटर हैं और वह (कैप्टन अमरिंदर) एक पूर्व सैनिक हैं और दोनों का चीजों संबंधी नजरिया अलग-अलग है।
उन्होंने कहा कि मंत्री को लाजमी तौर पर महसूस करना चाहिए कि उन्होंने पाकिस्तान का दौरा करके ठीक नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू सेना की पेचीदगियों को नहीं समझते और संभावी तौर पर उन्होंने मित्रता के मनोरथ से प्रतिक्रिया की है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मंत्री का इरादा राष्ट्र विरोधी नहीं है।
इससे पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सिद्धू पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने तथा उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए अकालियों ने विधानसभा में शोर मचाया। उन्होंने कहा कि बजट को पेश करना एक अहम कार्य होता है जिसका हर साल लोग बहुत उत्सुकता के साथ इंतज़ार करते हैं। उन्होंने कहा कि अकालियों का उद्देश्य श्री सिद्धू सिद्धू को निशाना बनाकर विधानसभा के इस महत्वपूर्ण काम से ध्यान हटाना था।