लखनऊ
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा के शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचा। शहीद इंस्पेक्टर का परिवार गुरुवार सुबह करीब 9:30 मुख्यमंत्री आवास पहुंचा। मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान संवेदना जताते हुए उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने परिवार को असाधारण पेंशन, एक सदस्य को नौकरी के साथ शहीद सुबोध के नाम पर जैथरा कुरावली सड़क का नाम रखे जाने की बात भी कही।
बेटों की पढ़ाई का कर्ज भी चुकाएगी सरकार
साथ ही सुबोध सिंह के बकाया होम लोन (करीब 30 लाख रुपये) का भुगतान की व्यवस्था भी सरकार करेगी। इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटों की पढ़ाई का कर्ज भी यूपी सरकार चुकाएगी। डीजीपी ओपी सिंह ने उनके बच्चे की सिविल सर्विस की कोचिंग में मदद का भरोसा दिया। पहले ही मुख्यमंत्री ने परिवार को 50 लाख की राहत राशि की घोषणा की थी।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री आवास में डीजीपी ओपी सिंह, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, प्रभारी मंत्री राजेश गर्ग समेत अन्य आला अधिकारी भी मौजूद रहे।
परिवार को सख्त कार्रवाई का भरोसा
सीएम योगी से मिलने इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी रजनी, उनके बेटे और बहन पहुंचे हैं। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार को सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा, ‘कोई इस गलतफहमी में होगा कि वह बच जाएगा, तो सवाल ही नहीं उठता। हमारी तीन-तीन टीमें वहां काम कर रही हैं।’
मुख्यमंत्री से सुबोध की पत्नी ने कहा, ‘मेरे पति घर जल्दी नहीं आ पाते थे तो वह थाने पर हमें बुला लिया करते थे। कहते थे तुम्हें और बच्चों को देखने का बहुत मन होता है। हिंसा से दो दिन पहले हम उनसे मिलने गए थे, तो कोतवाली में तीन लोगों को गोकशी के आरोप में पकड़कर लाया गया था। उस वक्त स्याना के विधायक का उनके पास फोन आया था।’
शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी ने इससे पहले आरोप लगाया था, ‘मेरे पति को अक्सर धमकियां मिलती रहती थीं। वह अखलाक केस की जांच कर रहे थे इसलिए उन पर हमला हुआ। यह एक सोची समझी-साजिश थी।’ इससे पहले सुबोध कुमार सिंह की बहन ने भी पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके भाई को पुलिस ने मिलकर मरवाया है।
गुस्साई भीड़ के हमले में हुई थी इंस्पेक्टर की मौत
बता दें कि सोमवार को बुलंदशहर के चिंगरावटी पुलिस चौकी पर भीड़ की हिंसा के बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को जब इंस्पेक्टर का शव उनके आवास एटा पहुंचा तो परिवार ने सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी। परिजनों ने सीएम योगी के न आने और शहीद का दर्जा न दिए जाने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। हालांकि पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद इंस्पेक्टर सुबोध के परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए।
पुलिस ने बुलंदशहर के स्याना में सोमवार को हुई हिंसा और हत्या के मामलों में अब तक कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को 40 लाख रुपये और माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने, इसके अलावा परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी।