नई दिल्ली:
आम चुनाव 2019 अब अपने अंतिम दौर में है। 12 मई और 19 मई को चुनाव के साथ ही चुनाव का सफर संपन्न हो जाएगा और 23 मई को देश की नई तस्वीर सामने होगी। इन सबके बीच राजनीतिक बयानबाजी विवादों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। नेताओं के लगता है कि मर्यादाविहीन बयानों के जरिए वो राजनीति के पिच पर बेहतर तरीके से बैटिंग करेंगे और बयानों के जरिए वोट ईवीएम के पेट को भर पाने में कामयाब हो जाएंगे। यूपी और पश्चिम बंगाल की तरह बिहार में भी सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं और इन सबके बीच चौंकाने वाले, हंसाने वाले और सोचने को मजबूर करने वाले बयान सामने आ रहे हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 23 के बाद आएगा भूचाल, डायनासोर की तरह बीजेपी और जेडीयू बड़े नेता गायब होंगे। बीजेपी नेता कह रहे हैं कि बिना सहयोग के सरकार ही नहीं बना सकते हैं। मोदी जी कहते हैं हमारा महामिलावटी गठबंधन है। अब पीएम लिखकर दें कि वो चुनाव बाद किसी भी नॉन एनडीए पार्टी का सहयोग नहीं लेंगे?
तेजस्वी यादव के बयान पर जेडीयू के नेता भड़क उठे। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी शुतुरमुर्ग हैं और उन्हें जमीन पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। अति आत्मविश्वास की वजह से कुछ दलों को लगता है कि वो पीएम मोदी की आंधी को रोक पाएंगे तो वो नासमझी है। बिहार के साथ पूरे देश में एनडीए के पक्ष में हवा है और कोई भी इस तथ्य को अस्वीकार नहीं कर सकता है। बिहार में महागठबंधन के लोगों की विश्वसनीयता और स्वीकार्यता जगजाहिर है। आप किसी के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाकर सुर्खियों में रह सकते हैं। लेकिन जनता इस बात को समझती है कौन सी पार्टी उनके भले के लिए काम कर रही है।