पटना।
बिहार पुलिस की अंग्रेजी की समझ उजागर हो गई है जिसके बाद पुलिस महकमे को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। दरअसल, जहानाबाद जिले में मखदुमपुर पुलिस ने अंग्रेजी में आए पटना फैमिली कोर्ट के एक आदेश को समझने में गलती कर दी और उसे गिरफ्तारी वारंट समझ लिया। इसके बाद पुलिस ने संबंधित युवक को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन, जब असलियत सामने आई तो पुलिस को मुंह छुपाना पड़ रहा है।
दरअससल, जहानाबाद जिले के मखदुमपुर डीह के रहने वाले नीरज की संपत्ति की जांच करने का कोर्ट से आदेश आया था। नीरज के मुताबिक, 25 नवंबर को वह दुकान पर बैठा था। इसी दौरान पुलिस आई और उसे गिरफ्तार कर थाने ले आई। उसने वकील से भी बात कराई, लेकिन पुलिस कुछ सुनने को तैयार नहीं थी।
पुलिस की नासमझी के कारण नीरज को बिना किसी गुनाह के एक रात हवालात में गुज़ारनी पड़ी। अगले दिन उसे हथकड़ी पहनाकर पटना के फैमिली कोर्ट में हाज़िर किया गया। जब जज को पूरी बात पता चली तो उसकी गिरफ्तारी देख जज ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और उसे बाइज्जत घर पहुंचाने को कहा।
दरअसल, कोर्ट ने नीरज की संपत्ति जांचने का आदेश दिया था और पुलिस ने इसे वारंट समझ लिया। इस संबंध में पुलिस के अधिकारी एएसपी पंकज कुमार ने बताया कि गिराफ्तार युवक की संपत्ति जांच करने का वारंट आया था, परंतु उसकी गिरफ्तारी कैसे हुई यह जांच का विषय है और जल्द ही जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
नीरज की शादी 2012 में हुई थी। शादी के कुछ महीने बाद ही रिश्ते में तनाव आ गया। पत्नी ने नीरज के खिलाफ पटना और जहानाबाद में प्रताड़ना के दो-दो केस दर्ज करा दिए। पटना फैमिली कोर्ट में तलाक का मामला चल रहा है। इस मामले में जज ने 7 सितंबर को जहानाबाद एसपी को नीरज की संपत्ति का मूल्यांकन करके रिपोर्ट देने को कहा था।
मामला मखदुमपुर थाने से जुड़ा था, इसलिए आदेश की कॉपी मखदुमपुर पुलिस को मिली। कोर्ट ने नीरज को पत्नी को 2500 रुपए महीना भरण-पोषण देने का आदेश दिया है। इस बीच, पुलिसवालों के कारनामे पर एएसपी पंकज कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट एसपी को दो-तीन दिन में सौंप दी जाएगी।