जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर पटना एम्स के जूनियर डॉक्टरों ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। कन्हैया रविवार की रात AISF के बिहार प्रदेश के सचिव सुशील कुमार को एम्स में देखने गए थे। सुशील एम्स के ट्रामा इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं।
जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि कन्हैया के साथ करीब डेढ़ दर्जन समर्थक थे सभी ट्रामा इमरजेंसी में जाने का प्रयास किए। पहले से सुरक्षा गार्ड ने उतनी संख्या में लोगों को वार्ड में जाने से रोका। समर्थक गार्ड से धक्का मुक्की करने लगे और अंदर चले गए। वार्ड में डयूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर भी समर्थकों को वापस जाने को कहा लेकिन नहीं गए। आरोप है कि कन्हैया के समर्थक जूनियर डॉक्टरों के साथ भी धक्का-मुक्की करने लगे। काफी देर तक इसे लेकर एम्स में हंगामा होता रहा। रात करीब 10 बजे जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया।
एम्स प्रशासन की पहल पर रात में वे काम पर तो लौट गए लेकिन सोमवार की सुबह 11 बजे बैठक कर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं जिससे बिहार के कोने-कोने से आए मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। मरीज एम्स से लौटने लगे हैं। एम्स में भर्ती मरीजों की परेशानी अधिक है। जूनियर डॉक्टर्स ने फुलवारीशरीफ पुलिस थाने में कन्हैया कुमार, सुशील कुमार सहित 80-100 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है।
इधर कन्हैया समर्थकों का कहना है कि हड़ताल करने के बाद डॉक्टरों ने उनके मरीज सुशील का इलाज करना छोड़ दिया है और आज उनकी ड्रेसिंग भी नहीं हुई है।