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भोपाल में ‘रन फॉर यूनिटी’, 2000 युवाओं ने भाग लिया; सीएम ने सरदार पटेल की एकता पर जोर दिया

भोपाल 

सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर भोपाल के शौर्य स्मारक पर एकता दिवस का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी।

दो हजार युवाओं ने लगाई दौड़ शौर्य स्मारक से लाल परेड ग्राउंड तक करीब दो हजार युवाओं ने दौड़ लगाकर एकता का संदेश दिया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शौर्य स्मारक से रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जम्मू कश्मीर का मुद्दा यूएन में ले जाना बड़ी गलती थी

सीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर का मुद्दा, धारा 370 के मुद्दे को यूएन में ले जाना ये उस समय की बहुत बड़ी गलती थी। उस घटना पर सरदार पटेल ने कहा था कि देश के मसले को देश के लोग सुलझाएंगे। पड़ोस के देश में कोई विवाद होगा तो पड़ोसी देश के नेता और हमारे नेता बैठकर हल करेंगे। इसमें तीसरे पंचायत की जरूरत नहीं हैं। वो हम सबने भोगा है।

सीएम ने कहा –

आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल के इस भाव पर कायम हैं कि हमें कोई थर्ड पार्टी नहीं चाहिए, वन टू वन बात होना चाहिए। चाहे ऑपरेशन सिंदूर हो या कुछ भी हो ये सरदार पटेल की उसी भावना का प्रकटीकरण है। राष्ट्र को समर्थ होना चाहिए।

सरदार पटेल ने अंग्रेजों को टैक्स देने की प्रथा के खिलाफ आंदोलन किया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरदार पटेल किसान परिवार से आते थे उनके बडे़ भाई बिट्‌ठल भाई पटेल थे। इन दोनों भाईयों की जोड़ी ने नाम कमाया। बिट्‌ठल भाई तो उस समय के बडे़ नेता थे, लेकिन वल्लभ भाई ने वकालत के जीवन के दौरान कई आश्चर्य जुडे़ हैं। सरदार पटेल का कहना था कि अगर अकाल पड़ गया है लोग भूखे मर रहे हैं तो अंग्रेजों को टैक्स नहीं देना चाहिए। उस समय आक्रोशित भाव से सरदार पटेल, महात्मा गांधी के पास गए और गांधी जी ने सहजता से उस आंदोलन में साथ देकर भूमिका निभाई।

पटेल को मिली सरदार की उपाधि सीएम ने कहा कि बारडोली के आंदोलन के बाद वल्लभ भाई पटेल सरदार पटेल के नाम से जाने गए। नमक आंदोलन जो गांधी जी ने शुरू किया था। आजादी के हर आंदोलन की सफलता में कोई रहा तो वह नाम है सरदार वल्लभ भाई पटेल है।

पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधा सीएम ने कहा जब अंग्रेजों ने तय कर लिया कि भारत छोड़कर जाना है और अंग्रेज एक भयंकर षड्यंत्र करके देश के टुकडे़-टुकडे़ करना चाहते थे। विभाजन की विभीषिका में देश को कैसे सुरक्षित रखा जाए, ये पटेल ने सोचा।

भारत, पाकिस्तान के विभाजन की विभीषिका लिख दी गई उसके साथ ही 562 रियासतों को फ्री करने का निर्णय लिया। उन रियासतों में हमारा भोपाल भी एक है।

राजा भारत का पैसा पाक के बैंक में भिजवा देते थे सीएम ने कहा कि हमारे भारतीय स्टेट बैंक की तरह पाकिस्तान का जो बैंक है उस समय यहां का पैसा उठाकर पाकिस्तान में भिजवा देते थे। भोपाल सहित हैदराबाद, जूनागढ़ ऐसी कई स्टेट थीं जो भारत में मिलने से मना कर रही हैं। लेकिन ये अपने आप में केवल कागज पर नहीं थे। सर्वसुविधायुक्त सैन्य शक्ति से संपन्न थे जिन्हें अंग्रेजों ने यह कहकर छोड़ दिया था कि आपकी इच्छा हो तो मिलो अन्यथा आप स्वतंत्र हो।

रियासतों को जोड़ने का काम पटेल ने किया सीएम ने कहा कि आजादी के साथ ही एक नेता जिसने भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय में अपनी युक्ति बुद्धि से भारत की एक-एक रियासत के सारे राजा-महाराजाओं को समझाकर जोड़ते जा रहे थे। जोड़ते हुए ये अहसास किया कि आज जोड़ रहे हैं, लेकिन कल क्या होगा? भारतीय प्रशासनिक सेवा के आईएएस, आईपीएस अफसरों की रचना भी उन्होंने बनाई थी। जब वे गृह मंत्री थे उन्होंने सारे प्रबंध किए नियमावली बनाई।

सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करके एक हजार साल पुराना विवाद सुलझाया था। सरकारी मदद के बगैर इतना बड़ा मंदिर बनाकर देश का स्वाभिमान जगाने का काम किया। जब देश आजादी की तरफ कदम बढ़ाता है तब ऐसे महापुरुष रहते हैं भविष्य में उनकी बातों की कीमत रहती है।