आम सभा, भोपाल : कोविड-19 के लॉकडाउन से उत्पन्न दशायें, बढ़ती बेरोजगारी सामाजिक दूरी तथा गला काट प्रतिस्पर्धा ने बच्चों युवाओं सहित व्यस्कों को तनाव की स्थिति में ला दिया है। यह तनाव दीर्घावधि में अवसाद की ओर तथा अवसाद अपराध एवं आत्महत्या की ओर ले जाता है ऐसी विषम परिस्थितियों में शासकीय महाविद्यालय नरेला भोपाल के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. उत्तम सिंह चौहान के आशीर्वचन एवं मानसिक अवस्थाओं के गूड़ विश्लेषण से हुआ।
सेमिनार में मुख्य वक्ता डॉ. निशा पांडे ने युवाओं में अवसाद लक्षण एवं प्रावधान पर सारगर्भित तकनीकी व्याख्यान दिया। वही विशेष वक्ता डॉ. रागिनी दुबे ने असीमित इच्छाओं और अति उपभोक्तावाद को तनाव का कारण बताकर युवाओं को मूल्यों के ऐसे संक्रमण से बचने का आह्वान किया। डॉ. अनीता देशपांडे ने युवाओं को कुछ ऐसा करने की कि लोग आपको पढ़े का संदेश दिया।
समाज और देश के लिए समर्पण भाव युवाओं को अवसाद से बचाता है। वही इस पूरे कार्यक्रम का संचालन प्रकोष्ठ प्रभारी एवं संयोजक डॉ. तैयाबा खातून द्वारा और आभार प्रदर्शन सह संस्थापक डॉ. अर्चना गौर द्वारा किया गया। सेमिनार को सफल बनाने महाविद्यालय की प्राध्यापक एवं महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. संध्या खरे, डॉ. नीता पुराणिक, डॉ. प्रीति झारिया, प्रो. सपना शर्मा, प्रो. रोहित ठाकुर डॉ. रईस खान का उल्लेखनीय योगदान रहा।