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भोपाल इज्तिमा से मुंबई लौट रहे तीन लोगों की कार से 60 किलो मांस जब्त किया, काले हिरण के शिकार की आशंका

महू
 इंदौर के महू में आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने कार में वन्य प्राणी का मांस ले जाते तीन लोगों को मंगलवार अलसुबह गिरफ्तार कर लिया। करीब 60 किलो यह मांस काले हिरण का बताया जा रहा है, लेकिन इसकी अधिकृत पुष्टि करने के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

शक इसलिए- एक पैकेट पर लिखा था काली हड्‌डी हर पैकेट पर एक व्यक्ति का नाम लिखा ​था। एक पैकेट पर काली हड्डी लिखा था। इसी में काले हिरण का मांस होने की आशंका है। कार सवारों ने बताया कि लटेरी में उन्हें एक व्यक्ति मिला। उसने मांस खरीदने का ऑफर दिया। उसने यह नहीं बताया कि मांस किस जानवर का है, पर ताजा था तो हमने खरीद लिया।
दो बक्सों में भरा था मांस

आरोपित मांस को भोपाल से मुंबई जा रहे थे। उनकी कार में थर्माकोल के दो बड़े बाक्स में यह रखा था। एक बाक्स में 'काली हड्डी' लिखी हुई पर्ची भी मिली है। तीनों को सफेद इनोवा कार में एक होटल के पास पकड़ा गया। आरोपितों ने पुलिस और वन विभाग की पूछताछ में बताया कि वह भोपाल में आयोजित आलमी तब्लिगी इज्तिमा में शामिल होकर मुंबई लौट रहे थे।

आरोपितों के अनुसार, इज्तिमा में उन्हें बिलाल नाम का व्यक्ति मिला। वह खुद को लटेरी का रहने वाला बता रहा था। उसने अपने फार्म हाउस पर बकरे का मांस होने की बात कही। हमने उससे 20 हजार रुपये में मांस लिया और मुंबई लौट रहे थे। वन विभाग ने आरोपितों को गिरफ्तार कर मंगलवार दोपहर न्यायालय में पेश किया।
पेशेवर तरीके से तस्करी

आरोपित इम्तियाज पुत्र शकील खान निवासी इंदिरा नगर दर्शन जवल अंधेरी वेस्ट मुंबई, सलमान पुत्र हारुन पियारजी निवासी मुनावरा बिल्डिंग मोमिन नगर ग्रेटर मुंबई और जौहर पुत्र इब्राहिम हुसैन निवासी मिल्लत नगर मुंबई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वन विभाग अधिकारियों के अनुसार, बक्से की पैकिंग से प्रतीत हुआ कि आरोपित पेशेवर तरीके से यह कार्य करते रहे हैं।
पुलिस व वन विभाग की टीम को प्रलोभन देने का किया प्रयास

आरोपित भोपाल से मुंबई मांस का परिवहन कर ले जा रहे हैं। इसकी सूचना इंदौर क्राइम ब्रांच को मिली थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच की गाड़ी क्षिप्रा थाने से पीछे लगी हुई थी। किशनगंज पुलिस को भी सूचना मिली तो आरोपित होटल के पास पकड़े गए। सूत्रों के अनुसार, आरोपितों ने पुलिस और वन विभाग टीम को रुपयों का प्रलोभन देने का प्रयास किया।