पुणे की विशेष अदालत ने भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को राहत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने तीनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति के डी वडने ने इस पर फैसला सुनाया.
जमानत के आदेश में न्यायाधीश के डी वडने ने जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा एकत्रित सामग्री का जिक्र किया है. खारिज किया जमानत आदेश 19 पेज और 39 पॉइंट में है. आदेश में 18 अप्रैल 2017 के एक पत्र का जिक्र किया गया है. इस पत्र को जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी और सह आवेदक के पास से जब्त किया था.
इसमें वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा का संदर्भ है. पत्र में 8 करोड़ रुपये की जरूरत और एम4 हथियार खरीदने का जिक्र किया गया है. 2 जनवरी 2018 के एक लेटर में कहा गया है कि सुधा भारद्वाजने माओवादियों द्धारा आयोजित एक बैठक में भी हिस्सा लिया था.