नई दिल्ली
अगले साले होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले देश में एक बार फिर राम मंदिर का मामला गरमा गया है. अयोध्या में हो रही वीएचपी की धर्मसभा के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. नागपुर में उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसी वजह से राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं.
संघ प्रमुख ने कहा कि राम मंदिर पर कोर्ट से फैसला जल्दी मिलना चाहिए.उन्होंने आगे कहा कि जनहित का मामला टालना नहीं चाहिए. सत्या और न्याय को टालते रहना ठीक नहीं है. लगता है कि कोर्ट की प्राथमिकता में मंदिर है ही नहीं. समाज केवल कानून से नहीं चलता है और न्याय में देरी भी अन्याय के बराबर है.
मोहन भागवत ने कहा कि साबित हो चुका है कि वहां पर राम मंदिर था. एएसआई द्वारा किए गए खुदाई के दौरान पाया गया था कि वहां पर मंदिर था जिसे ध्वस्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर राम मंदिर नहीं बनेगा तो वहां पर किसका मंदिर बनेगा. उन्होंने आगे कहा कि भव्य राम मंदिर बनाने की जरूरत है.
मोहन भागवत ने आगे कहा कि संसद में जल्द से राम मंदिर बनाने का कानून पास किया जाए. उन्होंने कहा कि एक बार फिर पूरे देश को राम मंदिर के मामले पर एक साथ आना चाहिए.
‘धर्मसभा का हर निर्णय मानेगी आरएसएस’
इससे पहले वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय सचिव चम्पत राय ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए हमें पूरी जमीन चाहिए और जमीन बंटवारे का कोई भी फार्मूला मंजूर नहीं होगा. चम्पत राय ने आगे कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन के मालिकाना हक का केस वापस ले लेना चाहिए. और वीएचपी इस जमीन पर नामज नहीं होने देगी.
बता दें कि राम मंदिर पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा था. धर्म सभा के मंच से आरएसएस के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह कृष्णा गोपाल ने कहा कि जो भी धर्मसभा का निर्णय होगा आरएसएस उसे मानेगी.