नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा विदेश में कथित अवैध सम्पत्तियों की खरीदारी से जुड़े धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए. वाड्रा की पत्नी एवं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सुबह करीब साढ़े 10 बजे उन्हें यहां इंडिया गेट के निकट एजेंसी के कार्यालय के बाहर छोड़ा. वाड्रा को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष बयान देने के लिए बुलाया गया था जहां धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किया गया. वाड्रा ने अपने ट्विटर और फेसबुक पेज पर बताया कि उनके खिलाफ दर्ज मामलों में जांच एजेंसी के सामने वह इस बार 11वीं बार पेश हुए और उनसे अब तक 70 घंटे पूछताछ हो चुकी है.
रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘भारतीय न्यायपालिका पर मुझे भरोसा है. मैंने सरकारी एजेंसियों के सभी समन/नियमों का पालन किया है और मैं आगे भी करता रहूंगा. मैंने 11 बार बयान दिए हैं और इस दौरान करीब 70 घंटे मुझसे पूछताछ की गई। मैं भविष्य में भी तब तक सहयोग करूंगा, जब तक कि मैं सभी झूठे आरोपों में पाक साफ साबित नहीं हो जाता.”
एजेंसी ने वाड्रा की अग्रिम जमानत रद्द करने की हाल में मांग की थी और उनकी विदेश यात्रा का भी विरोध किया था. एक स्थानीय अदालत ने वाड्रा को विदेश यात्रा की अनुमति देने के संबंध में अपने आदेश को तीन जून के लिए बुधवार को सुरक्षित रख लिया था. ईडी ने पिछले ही हफ्ते वाड्रा को इस मामले में मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए अदालत का रुख किया था और तब दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाब मांगते हुए वाड्रा को नोटिस जारी किया था.
ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा था कि उन्हें वाड्रा को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और निचली अदालत ने उन्हें राहत देने वाले आदेश में मामले की गंभीरता पर विचार नहीं किया. वाड्रा के खिलाफ दर्ज ईडी का मामला लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्कॉयर में 19 लाख पाउंड कीमत की संपत्ति की खरीद में हुए धन शोधन के आरोपों से जुड़ा हुआ है. इस संपत्ति पर वाड्रा का कथित तौर पर मालिकाना हक है.
एजेंसी ने दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि उन्हें लंदन में वाड्रा से जुड़ी कई नयी संपत्तियों की सूचना मिली है. वाड्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है तथा इसे अपने खिलाफ राजनीतिक शत्रुता करार दिया है.