ढाका
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना को सोमवार को ढाका की एक विशेष अदालत से बड़ा कानूनी झटका लगा है। अदालत ने पुरबचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट में प्लॉट आवंटन में अनियमितताओं से जुड़े बहुचर्चित जमीन घोटाला मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। इससे पहले इस साल (2025) ही International Crimes Tribunal ने हसीना को “क्राइम्स एगेन्स्ट ह्यूमैनिटी” (2024 छात्र-आन्दोलन खूनखराबे) के लिए फांसी सुनाई थी। और इसके कुछ दिन बाद ही ढाका कोर्ट Special Judge Court-5 ने हाल ही में Sheikh Hasina को तीन भ्रष्टाचार-मामलों में 21 साल की जेल की सजा सुनाई है।जमीन घोटाला मामले में अदालत ने कुल तीन लोगों को दोषी करार ोदिया है । शेख हसीना (पूर्व प्रधानमंत्री), शेख रेहाना (हसीना की बहन),तुलिप रिजवाना सिद्दीक (शेख रेहाना की बेटी व ब्रिटिश सांसद)। ये तीनों राजुक (RAJUK) द्वारा किए गए प्लॉट आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में दोषी पाए गए।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला पुरबचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट से संबंधित है, जो ढाका के पास राजुक द्वारा विकसित एक बड़ा आवासीय प्रोजेक्ट है।
आरोप था कि हसीना और उनके परिवार ने अपने प्रभाव का उपयोग करके इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट में प्लॉट अवैध तरीके से हासिल किए।
मामला कई सालों से जांच में था, और हाल ही में गवाही व दस्तावेजों की जांच पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया।
अदालत का निर्णय
ढाका की विशेष अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया और तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया। अदालत ने कारावास की सजा सुनाई, जिसकी अवधि को लेकर आधिकारिक बयान विस्तृत रूप से सार्वजनिक होना बाकी है । हसीना पहले से ही कई कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही हैं। उनके खिलाफ विभिन्न आर्थिक और प्रशासनिक अनियमितताओं के मामले चल रहे हैं। अब एक और मामले में दोषी ठहराया जाना उनकी राजनीतिक और कानूनी स्थिति को कमजोर करता है।
तुलिप सिद्दीक जो ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सांसद हैं का नाम इस फैसले में शामिल होने से यह मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया है। ब्रिटेन की राजनीति और मीडिया में भी इस पर चर्चा शुरू हो चुकी है। अवामी लीग के नेताओं ने इस फैसले को “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया है। उनका कहना है कि विपक्षी सरकार हसीना परिवार को “कमजोर करने” की कोशिश कर रही है।मामले के जानकारों के अनुसार हसीना की कानूनी टीम उच्च अदालत में अपील दाखिल करेगी। अगर सजा बरकरार रहती है तो हसीना और उनका परिवार लंबे समय तक राजनीतिक संकट में रह सकता है।
Dainik Aam Sabha