नई दिल्ली
वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह जानकारी जारी हुई एक्सिस बैंक की रिसर्च रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि चक्र में बदलाव से भारत की विकास दर एक बार फिर से बढ़ जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, हमारे नजरिए से भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में ग्रोथ में आई कमी चक्रीय है। इसकी वजह मौद्रिक नीति में सख्ती और व्यापक स्थिरता पर ध्यान होने से क्रेडिट ग्रोथ को नुकसान होना है। हालांकि, राजकोषीय खर्च बढ़ने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सीआरआर में कटौती से वृद्धि दर को सहारा मिलेगा। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में राजनीतिक स्थिरता से भी वृद्धि दर को सहारा मिलेगा और वित्त वर्ष 26 में भारत की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रह सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। मौजूद समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर स्थिर रहने का अनुमान है। हालांकि, 20 जनवरी के बाद डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद नीतिगत बदलाव होने की संभावना है। साथ ही बताया कि वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता बने रहने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 25 में वैश्विक वृद्धि दर वर्तमान में कैलेंडर वर्ष 24 के समान ही 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पूर्व-कोविड स्तरों से 30-40 आधार अंक कम है। इससे पहले एक अन्य रिपोर्ट में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा था कि वित्त वर्ष 25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 26 में यह दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग्स एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 27 में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके अलावा कहा कि चालू वित्त वर्ष के साथ ही आने वाले वर्षों में भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा।