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आलिम आरिफ रजा साहब की अहले मुस्लिम तंजीम से अपील, सरकार की बनाई गाइडलाइन का पालन करें

आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : वैश्विक महामारी हमारे प्रदेश में लगातार पैर पसारती जा रही है दिन प्रतिदिन कोविड-19 के मरीज पॉजिटिव बढ़ते जा रहे हैं,जिससे प्रशासन लगातार जागरूक करने के लिए एडवाइजरी के माध्यम से जनता को सावधानी बरतने की सलाह दे रहा है। इसी संदर्भ में पिछले दिनों अशोकनगर जिले की जिलाधीश डॉ मंजू शर्मा ने भी जिले के सभी समाज के धार्मिक गुरुओं के साथ बैठक आयोजित की थी जिसमें सभी धार्मिक गुरुओं ने कलेक्टर डॉ मंजू शर्मा को आश्वस्त किया था कि हम पूरी तरह सरकार के साथ और आपके कुशल नेतृत्व के साथ खड़े हैं और पूरी तरह से सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं।

इसी से संबंधित चंदेरी में आमसभा संवाददाता विशाल सोनी ने शहर चंदेरी के मौलाना आलिम मोहम्मद आरिफ रजा साहब से इस वैश्विक महामारी और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का किस तरीके से पालन किया जाए इस संदर्भ में उनसे चर्चा की तो मौलाना आरिफ रजा ने बेबाकी से अपनी बात रखी और इस कौरोना से बचने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई एडवाइजरी का पूरे तरीके से पालन करने का संदेश सभी जिले के मुस्लिम लोगों से किया।
पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश……

संवाददाता – आप यह बताएं मस्जिद में नमाज जरूरी है और अगर जरूरी है तो मस्जिद में कम से कम कितने लोग नमाज अदा कर सकते हैं?

जवाब – मस्जिद में नमाज पढ़ना लाजमी है नमाज जमात से ही अदा की जाए,रहा यह की हम जिस मुल्क में रहते हैं हमें उस मुल्क का पालन करना भी जरूरी है,हम यह चाहते हैं कि हमारे मुल्क के कानून का भी पालन होता रहे और हमारी इबादत भी होती रहे ।मुल्के हिंदुस्तान ने यह लाजमी क़रार दिया है कि आप हजरात बाहर ना निकले एक दूसरे से दूरी बनाए रखें इसलिए इस लिहाज से आप हजरात मस्जिद में 3 लोग इकट्ठा होकर जमात हो जाती है नमाज अदा हो जाएगी ,और ऐसे हालात में मुल्क के बनाए नियम का पालन करते हुए आप घर पर रहकर नमाज अदा करें 3 या 5 लोग ही मस्जिद में नमाज अदा करें, मैं तो यही कहूंगा कि 3 लोग शामिल होकर मस्जिद में नमाज पढ़े, ताकि इबादत भी हो जाए और हुकूमत के नियम का भी पालन हो जाए।

सवाल – मस्जिद में अज़ान ज़रुरी है क्या?

जबाव – हां रहा अजान का तो अजान से वायरस बगैरा नहीं फैलता है,अजान से कोई परेशानी नहीं होना चाहिए, होना यह चाहिए था कि गवरमेंट को अजान की इजाजत दे देना चाहिए थी की अजान माइक से दे दी जाए ताकि अजान की आवाज घर तक पहुंच जाती तो जो लोग घर पर नमाज पढ़ते हैं उन्हें भी अजान की आवाज पहुंच जाती और वक्त पर घर पर ही नमाज पढ़ने में आसानी हो जाती। अजान से एक फायदा यह भी होता है कि अजाब से मुक्ति मिल जाती है, और घर पर अजान सुनकर वक्त पर नमाज भी अदा कर सकते।

सवाल – हमारे मुल्क हिंदुस्तान में बड़े-बड़े मंदिर मस्जिद में ताले लगे हुए हैं तो नमाज कहां तक जायज है?

जबाव – देखिए हमारे मुल्क में कहीं ऐसा भेदभाव नहीं हुआ चाहे मंदिर हो चाहे मस्जिद हो चाहे गुरुद्वारा जितने भी धार्मिक स्थल हैं वहां पर कोई भेदभाव नहीं किया गया। मना किया गया कि जहां भीड़ इकट्ठी होगी वहां पर पाबंदी लगाई जाएगी मस्जिद पर भीड़ इकट्ठी हो या मंदिर पर भीड़ इकट्ठी हो जहां कानून का उल्लंघन किया गया वहां ताला लगाया गया इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया। यह हमारे हुक्मरान,अधिकारी की जवाबदारी है कि जहां कानून का उल्लंघन हुआ वहां उन्होंने ताला लगा दिया।

सवाल – दिल्ली मरकज से जुड़े कुछ लोग हमारी चंदेरी के कुछ लोग भी जमात में शामिल हुए थे उनकी क्या जवाबदारी बनती थी?

जबाव – हम यही कहेंगे कि इस मामले में जो शख्स बाहर से आया हुआ है,जो शख्स मरकज में गए थे उन्हें सबसे पहले यहां आकर मेडिकल चेकअप कराना चाहिए था। जिससे यह संक्रमण हमारे परिवार में ना फैले लिहाजा जो लोग मरकज में गए थे उन्हें पहले से पहले आ कर मेडिकल चेकअप कराना चाहिए, छुपाना नहीं चाहिए,प्रशासन के आगे आकर मदद करनी चाहिए, जिससे उनकी मदद हो सके।

सवाल – एहले मुस्लिम तंजीम से कोई अपील करना चाहेंगे?

जबाव – मैं यही अपील करूंगा कि जब तक यह महामारी यह संक्रमण हमारे बीच में है मैं एहले चंदेरी ओर जिले से अपील करूंगा कि प्रशासन का साथ दें कानून का पालन करें यही हमारा कर्तव्य है। यह गाइडलाइन हमें और हमारे परिवार को बचाने के लिए ही बनाए गए हैं।यहसभी अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था बेहतरी के लिए ओर हमारी सुरक्षा कर रहे हैं, जिससे हमारी जान बच सके हमारा परिवार बच सके। मैं सभी लोगों से गुजारिश करूंगा कि आप भीड़ इकट्ठा ना करें दो या तीन लोग मस्जिद में हाजिर होकर नमाज अदा करें ताकि इबादत भी होती रहे और मुल्क की गाइडलाइन का पालन भी होता रहें।

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