लोकसभा चुनाव से पहले बने सपा-बसपा गठबंधन के फिलहाल खत्म होने के संकेत देते हुए दोनों दलों ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को अपने बलबूते लड़ने की घोषणा कर दी। इस एलान के एक दिन बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कभी-कभी आप परीक्षणों में सफल नहीं होते हैं लेकिन आपको कमजोरियों के बारे में पता चलता है। मायावती जी के लिए मैंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मेरे सम्मान उनका सम्मान होगा। मैं अब भी वही कहता हूं। जहां तक गठबंधन या अकेले चुनाव लड़ने की बात है, राजनीतिक रास्ते सभी के लिए खुले हैं। अगर हम अकेले उपचुनाव लड़ रहे हैं तो मैं पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा करूंगा कि हमारी भावी रणनीति क्या होनी चाहिए और इसके लिए क्या करना चाहिए।
अभी हमारा कोई ‘ब्रेकअप नहीं हुआ: मायावती
बसपा प्रमुख ने हालांकि भविष्य में सपा के साथ फिर से गठबंधन के विकल्प को खुला रखते हुये कहा, ”अभी हमारा कोई ‘ब्रेकअप नहीं हुआ है। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी राह अलग करने का संकेत देते हुए कहा कि अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका स्वागत है और उनकी पार्टी भी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी। गठबंधन को लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलने के लगभग दस दिन बाद मायावती ने दिल्ली में बयान जारी कर कहा कि अपने बलबूते उपचुनाव लड़ने की प्रमुख वजह राजनीतिक विवशता है।