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तिरुपति मंदिर में प्रसाद विवाद के बाद अब तिरुपति का श्री वेंकटेश्वर मंदिर ‘ब्रह्मोत्सव’ के लिए तैयारी शुरू

तिरुपति

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर हुए विवाद के बाद अब तिरुपति का श्री वेंकटेश्वर मंदिर 'ब्रह्मोत्सव' के लिए तैयारी कर रहा है. यह 9 दिवसीय उत्सव 4 से 12 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें हर दिन लगभग 1 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है. बता दें कि लड्डू विवाद के बाद मंगलवार को मंदिर में सफाई अनुष्ठान 'कोईल अल्वार तिरुमंजनम' का आयोजन किया गया था.  इस दौरान पूरे मंदिर, मूर्तियों और पूजा के बर्तनों को साफ किया गया.

हर दिन बनेंगे 8 लाख लड्डू

ब्रह्मोत्सव के दौरान मंदिर प्रशासन बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की उम्मीद कर रहा है. पवित्र रसोई, जिसे ‘पोटु’ कहा जाता है, जहां प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं वहां  ब्रह्मोत्सव के दौरान प्रतिदिन कम से कम 8 लाख लड्डू बनाने के लिए तैयार हो रही है. जानकारी के अनुसार, हर दिन एक लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है.

प्रशासन व्यवस्था भी सख्त

मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी खास इंतजाम किए जा रहे हैं. 4 से 12 अक्टूबर तक सभी वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है. मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों को भीड़ नियंत्रित करने की खास ट्रेनिंग दी जा रही है. लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है.

कौन तैयार करता है लड्डू

तिरुपति मंदिर देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. यहां हर साल करीब तीन करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं यानी रोजाना करीब 82 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं. करीब 3.50 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं. सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू दिए जाते हैं. इस पूरी व्यवस्था का संचालन उस कमेटी के द्वारा किया जाता है, जिसका गठन हर दो साल में आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार करती है. इस कमेटी का नाम है- तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्.

बता दें कि हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी साल जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और नायडू ने एनडीए की सरकार बनाई. इस दावे के बाद देशभर की सियासत गर्मा गई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.