गरीब सवर्णों के लिए सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार इसके नियम बनाने में जुट गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने अपने विभाग को एक सप्ताह के भीतर इसे तैयार करने का लक्ष्य दिया है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, नियम को अंतिम रूप देने की मुख्य अड़चन सवर्णों के लिए गरीबी की सीमा रेखा तय करना है।
संसद में चर्चा के दौरान इसे अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बने क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख रुपये सालाना रखने की बात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने की थी। हालांकि, इसकी व्यवहारिकता पर सवाल उठने के बाद मंत्री ने स्पष्ट किया था कि अभी इस पर निर्णय लिया जाएगा। बाद में अधिसूचना जारी करते समय इसे सरकार के जिम्मे छोड़ दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि इसी को लेकर अंतर-मंत्रालयीन चर्चा हो रही है। यदि कोई बड़ी अड़चन नहीं आती है तो इसी सप्ताह इसे जारी कर दिया जाएगा।
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12 को राष्ट्रपति ने दी थी मंजूरी
पहली बार आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान करने वाले इस कानून के तहत आर्थिक रूप से कमजोर सभी धर्म के सामान्य लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में (निजी कॉलेजों समेत) 10% का आरक्षण मिलेगा। 7 जनवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने के वाले विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी थी। 8 जनवरी को इसे लोकसभा ने पारित कर दिया था। राज्यसभा से यह विधेयक 9 जनवरी पारित हुआ था। गत शनिवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे अधिसूचित कर दिया गया था।
झारखंड और उत्तराखंड में जल्द हो सकता है लागू
झारखंड में सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण जल्द ही लागू किया जाएगा। सरकार आरक्षण लागू करने लिए विधि विशेषज्ञों से राय ले रही है। इसे लागू करने के लिए राज्य के मौजूदा विधेयक में संशोधन करना होगा, या केंद्र के निर्णय को नियमावली के तहत अंगीकृत किया जा सकता है, इस पर सलाह ली जा रही है। विधि विशेषज्ञों से राय मिलने के बाद इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड आर्थिक रूप से कमजोर अकड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने जा रहा है। केंद्र के फैसले के तहत राज्य ने इसे लागू करने की तैयारी शुरू कर दी। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि अधिकारियों को आरक्षण से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दे दिए गए हैं। कोशिश की जा रही है कि इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया *जाए। गुजरात सरकार के फैसले का भी अध्ययन किया जा रहा है।
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अधिसूचना जारी
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरियों तथा शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का संवैधानिक प्रावधान सोमवार से प्रभाव में आ गया है। इस बाबत सरकारी अधिसूचना जारी कर दी गई। अधिनियम में संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 का संशोधन किया गया है। .
हिमाचल सरकार भी लागू करेगी
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार गरीब सवर्णों को नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण को आरक्षण लागू करेगी। यह निर्णय पिछड़े परिवारों के लिए वरदान साबित होगा।
गुजरात प्रावधान लागू करने वाला पहला राज्य
भाजपा नीत गुजरात सरकार ने सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण सोमवार को लागू किया। इसके साथ ही गुजरात इस नए प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। संसद ने 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को इसे मंजूरी दे दी थी। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को घोषणा की थी कि उनकी सरकार 14 जनवरी से आरक्षण प्रावधान लागू करेगी।.