नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दायर एक मुकदमे में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ बुधवार को मानहानि का आरोप तय किया. पत्रकार रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्होंने पत्रकार के खिलाफ मामला दायर किया था. हालांकि, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश हुई रमानी ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह सुनवाई का सामना करेंगी.
पिछले साल 17 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले अकबर ने भारत में ‘मीटू’ अभियान के दौरान सोशल मीडिया पर अपना नाम छाने के बाद रमानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. पत्रकार रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसका उन्होंने खंडन किया था. अदालत ने चार मई को मामले की सुनवाई निर्धारित की है और रमानी को व्यक्तिगत उपस्थित से स्थायी छूट भी मंजूर की है.
आपको बता दें कि पत्रकार एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में अमेरिका की रहने वाली पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा था कि 23 साल पहले जयपुर के होटल में एमजे अकबर ने उनका यौन शोषण किया था. जब केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि उनका संबंध एक सहमति का मामला रहा तो जवाब में पत्रकार ने कहा था कि संबंध जबरदस्ती और सत्ता के दुरुपयोग पर आधारित रहा. उसे शब्दों में बया नहीं किया जा सकता.
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