आम सभा, भोपाल। विश्व समुदाय को भावातीत ध्यान योग का सिद्ध-मार्ग दिखाने वाले परमपूज्य महर्षि महेश योगी जी को आयुर्वेद क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत-सरकार ने एक डाक टिकट जारी कर सम्मान किया है। महर्षि जी पर आधारित इस डाक टिकट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कल आयोजित एक भव्य समारोह में अपने कर-कमलों द्वारा जारी किया। इस समारोह में अनेक आयुर्वेद विद्वानों के साथ-साथ महर्षि संस्था के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश जी भी उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि महर्षि महेश योगी भारत की उन आध्यात्मिक विभूतियों में से एक हैं, जिन्होंने भावातीत ‘ध्यान’, ज्ञान योग की स्थापना की और इससे विश्व समुदाय को अवगत कराया। तथा इसके द्वारा मानवीय सेवा का जो कार्य उन्होंने किया, वह बहुत ही अमूल्य है । भारत देश में ही नहीं, अपितु विश्व-भर में उन्होंने इस ध्यान योग के साथ-साथ शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना भी की । 1970 के दशक में भारत एवं विश्व से आयुर्वेद का ज्ञान विलुप्त होने लगा था। तभी देश के शीर्ष आयुर्वेद विशेषज्ञ महर्षि महेश योगी जी ने ट्रांसडेशनल मेडिटेशन कार्यक्रम की स्थापना की जिसने भारत सहित विश्व में आयुर्वेद के ज्ञान को एकीकृत करके विस्तार दिया। आज अमेरिका में महर्षि आयुर्वेद स्वास्थ्य कार्यक्रम वैकल्पिक चिकित्सा का पर्याय बन चुका है। 600 से अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों से 27 से अधिक देशो में 220 से अधिक संस्थान इसको स्वास्थ्य के विविध क्षेत्र में प्रमाणित कर चुके हैं।
समारोह में महर्षि महेश योगी जी के अलावा अन्य 11 आयुर्वेद विशेषज्ञों पर भी डाक टिकट जारी किये गये। उनके नाम टीवी संबाशिवम पिल्लई, हकीम मो. अब्दुल, अजीज लखनवी, मोहम्मद कबीरूद्दीन, स्वामी कुवलयानंद, दिनशाॅ मेहता, भास्कर विश्वनाथ गोखले, शास्त्री शंकर दाजी, यादवजी त्रिकमजी आचार्य, बृहस्पति देव त्रिगुण और केजी सक्सेना हैं।
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