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‘अच्छी खेती – अच्छा भोजन’ के लिए एक प्रमुख डबल इंजन पीपीपी पहल

सॉलिडेरिडाड ने ‘अच्छी खेती – अच्छा भोजन’ के लोगो और वेबसाइट के साथ कार्यान्वयन चरण को लॉन्च करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया।

आम सभा, भोपाल : सॉलिडेरिडाड एशिया और पार्टनर्स एक प्रमुख परियोजना “अच्छी खेती-अच्छा भोजन” के कार्यान्वयन चरण को शुरू करने के लिए एकजुट हुए। यह परियोजना नीदरलैंड सरकार के साथ एक सहयोग है, जिसका उद्देश्य भारत के मध्य प्रदेश में कमजोर आबादी, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के बीच कुपोषण को कम करना है, और यह संयुक्त रूप से डच बहु-राष्ट्रीय ईस्ट वेस्ट सीड्स, विप्पी इंडस्ट्रीज और डच सरकार- नीदरलैंड एंटरप्राइज एजेंसी (आरवीओ) द्वारा वित्त पोषित है।

3.5 मिलियन यूरो के वित्त पोषण के साथ, ‘अच्छी खेती – अच्छा भोजन’ कार्यक्रम का उद्देश्य पौष्टिक भोजन तक पहुंच के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं और स्कूली बच्चों सहित लगभग 50,000 कमजोर परिवारों का समर्थन करना है। इसका उद्देश्य खेती और घरेलू स्तर पर पौष्टिक खाद्य पदार्थों, विशेष रूप से सोया आधारित उत्पादों और सब्जियों की खपत को बढ़ाना भी है।

यह परियोजना किसानों को फसल विविधीकरण के लिए भी प्रोत्साहित करती है और इसका उद्देश्य फसल विविधीकरण और बेहतर बाजार पहुंच के आधार पर लगभग 30,000 किसानों को उनकी शुद्ध आय में सुधार करने में मदद करना है, जो घरेलू खपत स्तर पर बेहतर खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति में योगदान करते हैं।

पिछले साल भागीदारों द्वारा ‘अच्छी खेती-अच्छा भोजन’ लागू किया गया था। स्थापना चरण ने इस क्षेत्र में मजबूती हासिल करने और समुदायों के साथ संबंधों को मजबूत करने में मदद की है। इसने कार्य योजनाओं, परियोजना लक्ष्यों और उद्देश्यों को साकार करने का अवसर भी प्रदान किया है। इसने लक्षित हस्तक्षेपों के सुचारू कार्यान्वयन और छोटे धारकों के रेजीलियंस के निर्माण और बेहतर पोषण संबंधी परिणामों के निर्माण की दिशा में प्रभावों को गहराई तक असरदार बनाने में मदद की है।

डिजिटल एकीकरण : कार्यक्रम “अच्छी खेती – अच्छा भोजन” डिजिटल समाधानों और नए टूल्स को उचित रूप से एकीकृत करता है, जो प्रभावी हैं और ग्राउंड टेस्टिंग में सही साबित हुए हैं। किसानों के ट्रेनिंग एवं लर्निंग मोबाइल ऐप के जरिये डिजिटल टेक्नोलॉजी-एनेबल्ड शिक्षा और ज्ञान साझा करने को सुगम बनाया जाता है। ऐप विभिन्न ई-लर्निंग मॉड्यूल, एनिमेटेड वीडियो, ऑडियो क्लिप, साहित्य प्रदान करता है और साथ ही एक इंटरैक्टिव सीखने की प्रक्रिया प्रदान करता है। अच्छी कृषि पद्धतियों को बेहतर ढंग से अपनाने के लिए डिजिटल साक्षरता और डिजिटल सामग्री-संचालित प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाता है। इसके साथ ही इसमें किसानों के ज्ञान के स्तर और फीडबैक को ट्रैक या समीक्षा करने के लिए इन-बिल्ट एमआईएस है। इसके साथ ही, परिवारों के पोषण स्तर को ट्रैक करने के लिए एक इनोवेटिव टूल भी विकसित किया जा रहा है।

लॉन्च इवेन्ट : अपनी इनावेटिव वेबसाइट और लोगो के साथ “अच्छी खेती-अच्छा भोजन” परियोजना के कार्यान्वयन चरण का शुभारंभ महामहिम श्री बार्ट डी जोंग, कॉन्सुलेट जनरल ऑफ दी किंगडम ऑफ नीदरलैंड्स, श्री जेरोन डगलस, कार्यकारी निदेशक, सॉलिडेरिडैड नेटवर्क, डॉ. शताद्रु चट्टोपाध्याय, प्रबंध निदेशक, सॉलिडेरिडैड एशिया, श्री प्रणीत मुथा, संयुक्त प्रबंध निदेशक, विप्पी इंडस्ट्रीज लिमिटेड, डॉ. दीपिका अग्रहार मुरुगकर, प्रधान वैज्ञानिक, केंद्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान (सीआईएई), श्री रमन वाधवा, डिप्टी सीईओ, मध्य प्रदेश डीएवाई राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एमपी-एसआरएलएम) – मध्य प्रदेश सरकार, सुश्री सत्याभामा भास्करन, हेड नॉलेज ट्रांसफर – इंडिया, ईस्ट वेस्ट सीड और श्री रामसिंह ठाकुर, सीईओ, समर्थ किसान की गरिमामय उपस्थिति में किया गया।

सॉलिडेरिडाड नेटवर्क, नीदरलैंड्स के कार्यकारी निदेशक जेरोएन डगलस ने कहा कि “अच्छी खेती – अच्छा भोजन एक रणनीतिक कदम प्रदान करता है, जो खाद्य और पोषण सुरक्षा को संबोधित करने की दिशा में सोया को नई दिशा देता है। कोविड-19 संकट के दौरान, भोजन और पोषण के बारे में जागरूकता को प्रमुखता प्रदान करते हुए, उच्चतम पोषण और स्वास्थ्य मूल्यों के साथ किफायती और सुलभ खाद्य उत्पाद बनाकर पोषण का लोकतंत्रीकरण करना आवश्यक हो गया है। ऐसी परियोजनाओं की आवश्यकता अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, जो स्वास्थ्य और पोषण के लिए कृषि का लाभ उठाते हैं, क्योंकि अच्छी खेती-अच्छा भोजन का मूल लक्ष्य सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को बेहतर बनाना, पहुंच और सामर्थ्य बढ़ाना और अंत में पौष्टिक खाद्य पदार्थों कीस्वीकार्यता और खपत में सुधार करना है।

लॉन्च इवेन्ट के मौके पर, डॉ. शताद्रु चट्टोपाध्याय, प्रबंध निदेशक, सॉलिडेरिडाड एशिया ने कहा कि “मध्य प्रदेश राज्य में बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे एनीमिक और कुपोषित हैं। विडंबना यह है कि राज्य सबसे अधिक मात्रा में सोया (प्रोटीन का सबसे किफायती स्रोत) का उत्पादन करता है और जो समुदाय सोया उगाता है वह सबसे अधिक गरीब है। हमारी राय में, पोषण सुधार के पारंपरिक मॉडलों का सीमित प्रभाव पड़ा है और इसके लिए कृषि-स्वास्थ्य-पोषण के तौर-तरीकों को जोड़ने के लिए नये दृष्टिकोणों की जरूरत है। “अच्छी खेती – अच्छा भोजन” उन संबंधों का वर्णन करता है जो पोषण, स्वास्थ्य और कृषि के बीच पारस्परिक निर्भरता को दर्शाता है। परियोजना कृषि, पोषण और स्वास्थ्य के बीच संबंधों का लाभ उठाने के लिए एक इनोवेटिव परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है। मैं नीदरलैंड एंटरप्राइज एजेंसी (आरवीओ) को उनके समर्थन और सहयोग के लिए दिल से कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त करना चाहता हूं।

सत्यभामा भास्करन, हेड, ईस्ट-वेस्ट सीड नॉलेज ट्रांसफर, इंडिया ने कहा कि “गुणवत्ता वाली सब्जियों की उपलब्धता से मध्य प्रदेश में ग्रामीण आबादी के कुपोषण को कम करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना में, हम चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि उन्नत कृषि विज्ञान (एग्रोनॉमी) प्रथाओं के बारे में किसानों की जानकारी को बेहतर बनाया जा सके। हमने बेहतर कृषि तकनीकों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अच्छी कृषि पद्धतियों, गांव-गांव तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों और क्षेत्र प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए सब्जी प्रदर्शन प्लॉट्स की शुरुआत की है। हम अपने किचन गार्डन कार्यक्रमों के जरिये खेती में महिलाओं की भागीदारी में सुधार पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। स्थापना अवधि के दौरान, ईडब्ल्यूएस-केटी ने 47 से अधिक गांवों में 3,300 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया है।

विप्पी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक श्री प्रणीत मुथा ने कहा कि “हम सॉलिडेरिडाड और कंसोर्टियम पार्टनर्स के साथ अपने सहयोग की सराहना करते हैं। यह साझेदारी पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ छोटे किसानों की आजीविका को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी। हम परियोजना के आरंभिक चरण की उपलब्धियों और कार्यान्वयन चरण के लॉन्च से खुश हैं। यह परियोजना समाज की भलाई के लिए विप्पी इंडस्ट्रीज की आकांक्षाओं के साथ बहुत अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। हमें बाजार के जरिये किसानों का समर्थन करने और स्थानीय बाजारों के साथ-साथ मिड डे मील योजना जैसे सरकारी खाद्य और पोषण सहायता कार्यक्रमों के लिए पौष्टिक और किफायती सोया खाद्य उत्पादों के निर्माण के लिए किफायती और गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में प्रसन्नता हो रही है।

बार्ट डी जोंग, कंसुल जनरल, कंसुलेट जनरल ऑफ द किंगडम ऑफ नीदरलैंड्स, मुम्बई ने कहा कि “भारत और नीदरलैंड्स दोनों संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम विभिन्न परियोजनाओं में इन लक्ष्यों की दिशा में भारत के साथ काम कर रहे हैं। ‘अच्छी खेती – अच्छा भोजन’ एक अच्छा उदाहरण है जहां सरकारी, गैर-सरकारी और निजी क्षेत्र के डच और भारतीय संगठन स्थानीय रूप से उत्पादित भोजन के साथ कुपोषण को रोकने के लिए एकजुट हुए हैं।

डॉ. दीपिका अग्रहार, आईसीएआर-केंद्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान ने कहा कि “हम ‘अच्छी खेती – अच्छा भोजन’ के लिए नॉलेज पार्टनर बनकर खुश हैं। मुझे विश्वास है कि यह परियोजना संस्थान के अग्रणी अनुसंधान परिणामों को कृषि मशीनीकरण, पोस्ट-हारवेस्ट टेक्नोलॉजी और सोया खाद्य प्रसंस्करण के लिए उद्यमिता के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगी। हम कंसोर्टियम पार्टनर्स के प्रयासों, विशेष रूप से सॉलिडेरिडाड के प्रयासों की सराहना करते हैं।”

बैठक के दौरान लॉन्च की गई वेबसाइट विभिन्न माध्यमों से परियोजना की प्रगति/अपडेट्स को प्रदर्शित करने और किए जा रहे कार्यों को विश्वसनीय बनाने के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगी।

वेबसाइट लॉन्च के बाद ‘रीजेनेरेटिव एग्रीकल्चर – सस्टेनेबल इको एग्री रिवोल्यूशन’ पर चार और सत्र आयोजित हुए; ‘सतत (सस्टेनेबल) और समावेशी कृषि विकास में निजी क्षेत्र, व्यवसायों और सीएसआर की भूमिका – इनोवेशन और समाधान प्रदान करना’; ‘वनस्पति तेल उद्योग में स्थिरता के लिए राष्ट्रीय पहल’ और ‘सतत जड़ी-बूटियों और औषधीय पौध क्षेत्र के लिए अवसर’। सत्रों में प्रख्यात कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया और सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) पर महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लिया।

‘रीजेनेरेटिव एग्रीकल्चर – सस्टेनेबल इको एग्री रिवोल्यूशन’ के लिए विशेषज्ञों की जूरी में पद्म डॉ. एमएच मेहता, माननीय ट्रस्टी, सॉलिडेरिडाड क्षेत्रीय विशेषज्ञता केंद्र और गुजरात कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, डॉ. भास्कर सिन्हा, एसोसिएट प्रोफेसर और चेयरपर्सन, सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज स्टडीज, भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम) और माननीय ट्रस्टी, सॉलिडारिडाड क्षेत्रीय विशेषज्ञता केंद्र (एसआरईसी), डॉ. नीता खांडेकर, निदेशक, भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) और डॉ. अशोक के. पात्रा, निदेशक, भारतीय संस्थान मृदा विज्ञान (आईआईएसएस) थे।

‘सतत (सस्टेनेबल) और समावेशी कृषि विकास में निजी क्षेत्र, व्यवसायों और सीएसआर की भूमिका – इनोवेशन और समाधान प्रदान करना’ के विशेषज्ञों की जूरी में डॉ. निलय रंजन, हेड- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और सस्टेनेबिलिटी, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के साथ-साथ महिंद्रा और महिंद्रा-सीएसआर, सिनजेंटा, कोपर्ट बायोलॉजिकल सॉल्यूशंस, और बायो न्यूट्रिएंट्स इंडिया प्रा. लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने वाले वक्ता थे।

‘वनस्पति तेल उद्योग में स्थिरता के लिए राष्ट्रीय पहल’ के लिए विशेषज्ञ पैनल की जूरी में डॉ. शताद्रु चट्टोपाध्याय, प्रबंध निदेशक, सॉलिडेरिडाड एशिया, डॉ. बी वी मेहता, कार्यकारी निदेशक, द सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, मुम्बई, भारत और संयोजक, एसईए- आईपीओएस काउंसिल, डॉ. डी एन पाठक, कार्यकारी निदेशक, द सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसओपीए) और सदस्य सचिव, एसओपीए आईएसएसएस काउंसिल, विकास शर्मा, हेड- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड, भारत और अध्यक्ष एसईए-आईपीओएस काउंसिल मौजूद थे।

‘सतत जड़ी-बूटियों और औषधीय पौध क्षेत्र के लिए अवसर’ के लिए विशेषज्ञ पैनल की जूरी में डॉ. जीएस जरील, वरिष्ठ सलाहकार, औषधीय और सुगंधित पौधे, सॉलिडेरिडाड, डॉ. मनीष पांडे, निदेशक और प्रमुख, प्रोजेक्ट एनालिसिस एवं डॉक्यूमेंटेशन (पीएडी) डिवीजन क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (भारत सरकार द्वारा स्थापित स्वायत्त निकाय) और डॉ. पी के शुक्ला, क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय-सह-सुविधा-केंद्र, नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड – भारत सरकार थे।

कुल मिलाकर, शेयरहोल्डर्स की बैठक ने सहयोग के क्षेत्र और विभिन्न विषयों के लिए संयुक्त प्रयासों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान किया, जैसे ससटेनेबल इको एग्रीकल्चर, जेंडर, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, कृषि में डिजिटल आईओटी सॉल्यूशंस की भूमिका, फसल विविधीकरण और किसानों की आय में वृद्धि आदि के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को प्रोत्साहन देना। यह इवेन्ट विभिन्न पार्टनर्स और शेयरहोल्डर्स के अनुभवों पर चर्चा करने और ऊपरोक्त विषयों को लेकर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा।

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