Thursday , November 21 2024
ताज़ा खबर
होम / लाइफ स्टाइल / बाजार में बढ़ रही है स्किल्ड ब्रांड मैनेजर्स की मांग

बाजार में बढ़ रही है स्किल्ड ब्रांड मैनेजर्स की मांग

आज भारतीय उपभोक्ताओं के पास हर उत्पाद के लिए कई विकल्प उपलब हैं, क्योंकि हर कंपनी अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए ग्राहक को आकर्षित करने की कोशिश करती है। इस पूरी प्रक्रिया में ब्रांडिंग की बड़ी भूमिका होती है।

उपभोक्ता के मन में एक प्रोडक्ट की स्थायी जगह बनाने में ब्रांडिंग का बड़ा हाथ होता है। हर बड़ी कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज को बाजार में प्रमोट करने के लिए ब्रांड मैनेजर्स को हायर करती है। ब्रांडिंग प्रक्रिया में नए उत्पाद के लॉन्च होने से लेकर उसे उपभोक्ता की जिंदगी का अहम हिस्सा बनाने तक की रणनीति शामिल होती है। हर कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज की ब्रांडिंग के लिए ऐसे लोगों को हायर करना चाहती है, जिनके पास प्रमोशन के विभिन्न आइडियाज हों। अगर आप भी इस तरह के करियर ऑप्शन की तलाश में हैं, तो ब्रांड मैनेजमेंट आपके लिए आदर्श करियर बन सकता है।

कैसे करें शुरूआत?
ब्रांड मैनेजमेंट में करियर बनाने के लिए आप ग्रेजुएशन के बाद ब्रांड मैनेजमेंट से एमबीए करके स्पेशलाइजेशन हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा एमबीए-मार्केटिंग से स्पेशलाइजेशन करके इस करियर को शुरू किया जा सकता है।

करियर की संभावनाएं
ब्रांड मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद फ्रेशर्स को एंट्री लेवल पर असिस्टेंट ब्रांड मैनेजर की जॉब मिल सकती है। अपने अच्छे आइडियाज, परफॉर्मेंस और इनोवेशन से उम्मीदवार मिड लेवल तक पहुंच सकते हैं यानी ब्रांड मैनेजर बन सकते हैं।

किस एरिया में जॉब?
प्रतिभाशाली और स्किल्ड ब्रांड मैनेजर्स की मांग फार्मास्यूटिकल, मोबाइल, इंश्योरेंस, हेल्थकेयर कंपनियों, मीडिया हाउसेस, ऑटोमोबाइल कंपनीज वगैरह में काफी है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए हर कंपनी अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग आकर्षक तरीके से करनी चाहती है।

कितना पैकेज?
इस इंडस्ट्री में फ्रेशर्स का स्टार्टिंग सैलेरी पैकेज तीन से साढ़े तीन लाख प्रति वर्ष हो सकता है। सैलेरी पैकेज इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कौन-से संस्थान में और किस शहर में काम कर रहे हैं।

ये गुण जरूरी….

ब्रांड मैनेजर बनने के लिए एक व्यक्ति को न मोटिवेटेड और बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहना जरूरी होता है।

-अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स होनी चाहिए।

-सुपरविजन, प्रॉब्लम सॉल्विंग और प्लानिंग स्किल्स में भी आगे होने चाहिए।

-उम्मीदवार किस तरह के आइडियाज के साथ प्रोडक्ट की ब्रांडिंग कितने क्रिएटिव तरीके से करते हैं और उसका कैसा रिस्पांस मिलता है, यह भी बहुत मायने रखता है।