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देशभर में जल रहा था रावण, इधर एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया

कैथल
कल दशहरे के दिन मुंदडी गांव के पास सिरसा ब्रांच नहर में हुए हादसे ने पूरे जिले को झझकोर कर कर रख दिया है। एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। घटना के बाद गांव में किसी के भी घर में चूल्हा नहीं जला, सभी ग्रामीण अपने दुकान व काम धंधे छोड़कर पीड़ित परिवार का ढांढस बंधाने पहुंचे। परिवार के आठ सदस्यों की एक साथ चिताएं जलाई गई। जिसके बाद गांव में चारों ओर मातम की चीख और पुकार ही सुनाई दी।
मृतकों के आवास पर ढांढस बंधाने पहुंचने वाले प्रत्येक की आंखें नम थी। गांव में सभी ने अपनी दुकान से लेकर अन्य संस्थान तक सभी बंद रखे, यहां तक की गांव के मंदिर में भगवान की आरती भी नहीं हुई। गंभीर हादसे में हुई 8 मौतों के कारण  सवाल उठता है कि आखिर इन आठ सदस्यों की मौत का जिम्मेवार कौन है?

गांव में पसरा मातम, नहीं जला चूल्हा
गांव में एक साथ एक ही परिवार के 8 सदस्यों की दर्दनाक मौत की घटना ने जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। गांव में हादसे के कारण दशहरे के पर्व की सभी खुशियां मातम में बदल गई। पूरे गांव में किसी के भी घर चूल्हा नहीं जला। पूरे गांव के लोग उनके निवास पर शोत संतप्त थे। ग्रामीणों ने अपने काम धंधे छोड़ मृतक परिवार के परिजनों का ढांढस बंधाया। सभी ने अपनी दुकान से लेकर अन्य संस्थान तक सभी बंद कर दिए। यहां तक की गांव के मंदिर में भगवान की आरती भी नहीं की गई।

विधायक ने दिया अर्थी को कंधा
घटना की सूचना मिलते ही पुंडरी के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक सतपाल जाम्बा सहित अन्य पार्टियों के कई नेता गांव में पहुंचे। जहां विधायक सतपाल ने मृतकों की अर्थियों को अपना कांधा दिया। उनके साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष मुनीष कठवाड़, भाजपा युवा जिला अध्यक्ष आदित्य भारद्वाज, पूर्व आजाद प्रत्याशी सतबीर भाना सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग मौजूद रहे। सभी ने इस दुख की घड़ी में परिवार को हर तरह की संभव सहायता करने की भी बात कही। ऐसा बताया जा रहा है कि हादसे में कार चालक कर्मजीत उर्फ काला ने करीब एक माह पहले ही यह अल्टो गाड़ी खरीदी थी। ऐसे में लोग गाड़ी को अपशगुन मान रहा है जिस कारण पूरा परिवार मौत के आगोश में समां गया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अल्टो गाड़ी पांच सीटर होती है। कर्मजीत को उसमें 9 सदस्य नहीं बैठाने चाहिए थे।

इस जगह पर पहले भी कई हो चुके हैं हादसे
इससे पूर्व भी इस जगह पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। कुछ महीने पहले इसी स्थान पर कैथल के हुड्डा 20 सेक्टर के एक युवक की गाड़ी नहर में गिरी थी। उसम समय समाजसेवी राजू डोहर ने खुद नहर के अंदर जाकर गाड़ी को रस्सियों से बाहर निकाला था परन्तु गाड़ी चालक की मौत हो गई थी। उस समय लोगों ने सिंचाई विभाग से यहां पर सीमेंट की दीवार या लोहे की ग्रिल लगाने की मांग की थी लेकिन विभाग द्वारा अभी तक यह कार्य नहीं किया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि यहां पर लोहे की ग्रिल या दीवार होती तो शायद परिवार के 8 लोगों की जान बच सकती थी।