अयोध्या : प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए। आज से रामलला आम श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल जाएंगे। गर्भगृह में विराजमान आराध्य के साथ नवीन विग्रह को भी श्रद्धालु निहार सकेंगे। भीड़ बढ़ने पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दर्शन की अवधि को विस्तार देगा।
अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला के दर्शन 20 जनवरी की सुबह से बंद कर दिए गए थे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों को फाइनल टच देने के उदेश्य से ट्रस्ट ने यह निर्णय किया था। इस बीच रविवार की रात विराजमान रामलला के विग्रह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नव्य मंदिर में स्थापित करने के लिए पुजारियों को सौंपा। नवीन विग्रह की स्थापना के बाद मंगलवार से राम मंदिर में दोनों विग्रहों के दर्शन सभी श्रद्धालुओं को सुलभ हो सकेंगे।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh: Visuals from the main gate of Shri Ram Temple where devotees have gathered in large numbers since 3 am to offer prayers and have Darshan of Shri Ram Lalla on the first morning after the Pran Pratishtha ceremony pic.twitter.com/hKUJRvIOtm
— ANI (@ANI) January 23, 2024
दर्शन की शुरुआत सुबह सात बजे से होगी। पहली पाली में पूर्वाह्न 11:30 बजे तक दर्शन हो सकेंगे। इसके बाद दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम 6:30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। यदि भक्तों की भीड़ बढ़ी तो दर्शन की अवधि को बढ़ा दिया जाएगा। इस बीच सोमवार को भी आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर सके। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सिर्फ विशिष्ट अतिथियों को ही दर्शन कराया गया।
दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग : दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।
बदली व्यवस्था : अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं। रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।