22वीं मप्र राज्यस्तरीय योगासना प्रतियोगिता
योग करके स्वस्थ समाज का संदेश दें बच्चे : डॉ. श्रीवास्तव
(मुकेश तिवारी,वरिष्ठ पत्रकार)
आम सभा, ग्वालियर।
व्यक्तित्व निर्माण जीवन की एक अनवरत साधना है। स्वस्थ शरीर के लिए जिस तरह उत्तम खान-पान एवं व्यायाम जरूरी है ठीक उसी तरह योग व प्राणायाम से मन व मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाया जा सकता है। यह बात केंसर चिकित्सालय के निदेशक डॉ बी आर श्रीवास्तव ने 22वीं मप्र राज्यस्तरीय योगासना प्रतियोगिता-2023 के उद्घाटन अवसर पर कही। डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि अगर हम योग, प्राणायाम और ध्यान करें तो हमारा मस्तिष्क इतना विकसित हो सकता है कि आठ साल के बच्चे का मस्तिष्क 15 साल के बच्चे के मस्तिष्क से ज्यादा काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर बनाने के लिए ही नहीं अपितु, मन व मस्तिष्क को भी मजबूत बनाता है।
मातोश्री स्व. प्रवीणा पाण्डेय की स्मृति में मप्र एमेच्योर योगा एसोशिएशन द्वारा आयोजित इस राज्यस्तरीय योग प्रतियोगिता कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ श्रीवास्तव ने अपने ज्ञान और अनुभव को परोसते हुए बच्चों को स्वस्थ रहने के तरीके समझाए। उन्होंने स्व. श्रीमति पाण्डेय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वे एक अच्छी ग्रहिणी होने के साथ-साथ अच्छी मां व समाजसेविका भी थीं। सरल व्यतित्व और सेवाभाव उनके अंदर समाया हुआ था। यही कारण है कि उनके पति श्री केशव पाण्डेय निजी स्वार्थ को छोड़कर समाजसेवा में संलग्न रहे। डॉ श्रीवास्तव ने प्रतियोगिता में भाग लेने आए बच्चों को मानवहित में काम करने तथा अच्छा नागरिक बनने का संकल्प बंधाया। उन्होंने सरकार से अपील की कि सरकारी विद्यालयों में योग शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। बच्चे विद्यालय से योग सीखकर निकलेंगे तो घर-घर मे योग का अलख जगाएंगे।
इस अवसर पर मप्र योगासना एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ केशव पाण्डेय ने स्व. प्रवीणा पाण्डेय के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार सर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पत्नी के रूप में प्रवीणा ने मुझे बहुत ताकत दी। बैंक में नौकरी करने के साथ ही बच्चों की परवरिश से लेकर घर संचालन का पूरा जिम्मा उनके ऊपर था। डॉ पाण्डेय ने कहा कि उन्हीं की बदौलत हम समाजसेवा कर सके। दैनिक और पाक्षिक अखबार निकाल सके। उन्होंने सुदूर जिलों से प्रतियोगिता में भाग लेने आए बच्चों को बधाई दी।
मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए डॉ गुंजन श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों का योग के प्रति बढ़ता रुझान अच्छा संकेत दे रहा है। बच्चे समाज और देश का भविष्य होते हैं। उनमें अच्छे संस्कार डाल दिए जाएं तो वे देश को कहाँ से कहाँ ले सकते हैं। ऐसे होनहार बच्चे ही देश का भविष्य बनाते हैं। चंद्रयान बनाते हैं। अपने ज्ञान और अनुसन्धान से चंद्रमा और सूर्य का रहस्योद्घाटन करते हैं। डॉ गुंजन ने बच्चों को योग के साथ जिम्मेदार नागरिक बनने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन मप्र एमेच्योर योगासना एसोशिएशन के सचिव भूपेंद्र राठौर ने किया।
*बच्चों ने निकाली नशा मुक्ति सांकेतिक रैली*
इससे पहले प्रतियोगिता में भाग लेने आए बच्चों ने नशा के खिलाफ एक सांकेतिक रैली निकाली। बड़ी संख्या में बच्चों ने होटल सुखसागर से पाटनकर चौराहे तक यह सांकेतिक रैली निकाली। ये बच्चे हाथों में तख्तियां लिए भारत माता की जय और नशा मुक्ति जैसे नारे लगा रहे थे। उनके साथ आए अविभावक व शिक्षक भी रैली की शोभा बढ़ा रहे थे।