* व्यक्तियों को सशक्त बनाना, समुदायों को समृद्ध करना: हार्टफुलनेस एवं मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद 21 जून 2023 तक नि: शुल्क जीवन कौशल कार्यक्रम के माध्यम से एक करोड़ निवासियों तक पहुँचने के लिए तैयार है।
* एक करोड़ जीवन, 40000 गाँव, 52 जिले, 313 ब्लॉक; 90 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया जिसमें 12000 से अधिक मास्टर ट्रेनरों के साथ 10000 से अधिक स्वयंसेवक इस विशाल मिशन का हिस्सा हैं। 18 जून तक 1 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है| 1 करोड़, जो 21 जून 23 को अपने अपने ग्रामों में योग और ध्यान करेंगे।
आम सभा,भोपाल।
जन अभियान परिषद के सहयोग से हार्टफुलनेस ने मध्य प्रदेश के एक करोड़ से अधिक निवासियों को हार्टफुलनेस योग और ध्यान अभ्यास, जीवन कौशल कार्यक्रम मुफ्त में शुरू करने के उद्देश्य से ‘एकात्म अभियान’ – हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान नामक एक अभियान शुरू किया है, जो 4 मई 2023 से शुरू होकर 21 जून 2023 तक चलेगा। मिशन को एक करोड़ जीवन, 40000 गाँवों, 52 जिलों, 313 ब्लॉकों तक पहुँचाया जा रहा है; श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष और पद्म भूषण से सम्मानित हार्टफुलनेस के आध्यात्मिक मार्गदर्शक श्रद्धेय दाजी के गहन मार्गदर्शन में 10000 से अधिक स्वयंसेवकों और 12000 से अधिक मास्टर ट्रेनरों की सहायता से 90 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया।
आज के कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी देखी गई जैसे – डॉ धीरेंद्र पांडे – कार्यकारी निदेशक, जन अभियान परिषद, बी आर नायडू – महानिदेशक, जन अभियान परिषद और उमा शंकर वाजपेयी – राम चंद्र मिशन के सचिव सहित अन्य उल्लेखनीय आरके त्रिपाठी – एसआरसीएम के वरिष्ठ कानूनी सलाहकार, अनिल कुमार एसजी – संस्थापक और सीईओ, समुन्नति समूह, सुनील नायडू – वरिष्ठ अधिकारी -SRCM, गजेंद्र गौतम – क्षेत्रीय सूत्रधार हार्टफुलनेस और सुश्री रूचि वर्धन मिश्रा – संयोजक, एकात्म अभियान के अलावा हार्टफुलनेस के ही 10,000 से अधिक स्वयंसेवक।
कार्यक्रम के लक्षित दर्शकों में स्कूलों और कॉलेजों के छात्र, गाँव और जिला स्तर पर डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के पेशेवर एवं विभिन्न विभागों और साझेदार संस्थानों के सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। मध्य प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों और 313 ब्लॉक मुख्यालयों के 40000 गाँवों के अधिकतम निवासियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तैयार किया गया है। .
हार्टफुलनेस और जन अभियान परिषद, दोनों मिलकर मध्य प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों और गांवों में योग, मुद्रा, आसन, प्राणायाम के बारे में जन जागरूकता के लिए प्रयास कर रहे हैं। “एकात्म अभियान” का उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से स्वयं से जुड़ना और एकता, सामाजिक सद्भाव, अच्छे स्वास्थ्य और तनाव से मुक्ति के साथ योग की अवधारणा को ग्रामीण स्तर पर एक जीवन शैली के रूप में स्थापित करना है। साथ ही युवा छात्रों के लिए हार्टफुलनेस ब्राइटर माइंड्स कार्यक्रम को हर गाँव में लाया जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश सरकार ने हार्टफुलनेस के साथ हाथ मिलाया है अपितु उनकी संयुक्त वनीकरण गतिविधियों, व्यक्तियों को सशक्त बनाने, समुदायों को समृद्ध करने और नशामुक्ति अभियानों में पहले भी ऐसा किया गया है।
श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष और पद्म भूषण से सम्मानित हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक, श्रद्धेय दाजी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “योग और ध्यान हमारी दैनिक जीवन शैली के मूल में होना चाहिए। केंद्र में होने का अर्थ अपने जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं और जिस तरह से हम अपने जीवन को संचालित करते हैं, उसमें एक संतुलन लाना भी है। मुझे बहुत खुशी है कि मध्य प्रदेश सरकार जीवन की बेहतरी, मन को समृद्ध करने, मिट्टी और पर्यावरण को बचाने और युवाओं की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करने के प्रयासों में हमारे साथ शामिल होने के लिए आगे आ रही है जो आधुनिक भारत के स्तंभ होंगे। एकात्म अभियान इस महीने एक करोड़ लोगों तक पहुँचने के लिए हार्टफुलनेस और जन अभियान परिषद के संयुक्त प्रयासों का गवाह बन रहा है और हमें इसके माध्यम से सकारात्मक बदलाव की लहर पैदा करने की उम्मीद है।“
मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हमारा हमेशा से प्रयास रहा है कि जीवन की स्थिति में सुधार हो, सुविधाओं में सुधार हो और लोक-कल्याण हो, लेकिन सही आध्यात्मिक अवस्था के बिना सब कुछ शून्य में चला जाएगा। श्रद्धेय दाजी ने ठीक ही कहा है कि हमें जीवन के आध्यात्मिक और भौतिकवादी पहलुओं को संतुलित करना चाहिए। उनकी ‘विजडम ब्रिज’ भी जीवन के इन पहलुओं को संतुलित करने और परिवारों में सामंजस्य बढ़ाने के लिए एक प्रभावशाली पुस्तक है। साथ में हम वनीकरण और नशामुक्ति अभियान, मन की शक्ति बढ़ाने के प्रशिक्षण तथा मिट्टी एवं पर्यावरण को बचाने पर काम कर रहे हैं और सकारात्मक बदलाव लाए हैं। जन अभियान मिशन के तहत हम उस संख्या तक पहुँच गए हैं, जिसके बारे में हम इतने कम समय में नहीं सोच सकते थे – ऐसा समर्पण और प्रतिबद्धता रही है।“
जन अभियान परिषद के महानिदेशक बी आर नायडू ने कहा, “हम जीवन के भौतिकवादी और आध्यात्मिक पहलुओं को संतुलित करने के लिए पूज्य दाजी के दिव्य मार्गदर्शन से बहुत प्रभावित हैं। यह मानव जाति को आंतरिक अनुभूति के करीब लाने के लिए एक महान पहल है। सरकारें लोगों के बीच कल्याणकारी गतिविधियों आगे बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं, लेकिन ध्यान ही हमें उन चुनौतियों को दूर करने आवश्यक शक्ति देता है और चुनौतियों का सामना करने में बेहतर और अधिक सक्षम बनाता है।
जन अभियान परिषद के कार्यकारी निदेशक धीरेंद्र पांडे ने कहा, “हार्टफुलनेस जनता के बीच जीने के तरीके और मन की संतुलित स्थिति पैदा करने के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता ला रहा है है। छात्रों से लेकर कॉर्पोरेट्स और जीवन के हर क्षेत्र में, लोग केवल हार्टफुलनेस मेडिटेशन से लाभान्वित हो रहे हैं।
एक ओर जहां गुनोर, पटना, देवरी, बिराहुली, पिपरिया सहलावण, सलैया, इटवां, बरछाकन और महागवां गाँवों में परिवर्तन दिखाई पड़ रहे हैं वहीं जबलपुर, बालाघाट, भिंड, होशंगाबाद, रीवा, खंडवा, भोपाल, दमोह, सिवनी, उज्जैन, विदिशा, शाजापुर, रतलाम ऐसे ही कुछ जिले भी हैं।
यह संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से हार्टफुलनेस के ‘हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान’ अभियान के तहत आता है जो जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए ध्यान, योग और मानसिक स्वास्थ्य पर एक घंटे के 3 परिचयात्मक, सत्र आयोजित करता है। देश-विदेश से श्री रामचंद्र मिशन और हार्टफुलनेस के हजारों प्रशिक्षक भी मई और जून के महीने में स्वयं सेवा भाव से मध्यप्रदेश के गाँव-गाँव में योग सत्र आयोजित करने के लिए पहुँच रहे हैं। यह अपने आप में एकात्म या एकता की अवधारणा का एक जीवंत उदाहरण है।
21 जून 2023 को अंतिम कार्यक्रम एक करोड़ व्यक्तियों के शामिल होने के साथ समाप्त होगा। दाजी ने मई और जून 2023 में मध्य प्रदेश के गाँवों का दौरा करने के लिए दुनिया भर के प्रशिक्षकों एवं स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया है ताकि व्यक्तियों और परिवारों को हार्टफुलनेस अभ्यास से परिचित कराया जा सके। जन अभियान के ब्लॉक समन्वयकों को जिले के अनुसार प्रशिक्षक सौंपे जाएँगे, जिन्हें हर मंगलवार को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रशिक्षकों को आगमन पर जिला मुख्यालय (ट्रेन या बस स्टेशन) से गंतव्य तक पहुँचाया जाएगा।
हार्टफुलनेस संस्थान के प्रशिक्षक/स्वयंसेवक विभिन्न गाँवों में इन सत्रों का संचालन करने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों से आ रहे हैं। प्रत्येक गाँव के लिए हार्टफुलनेस प्रशिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा तीन सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
हार्टफुलनेस के बारे में हार्टफुलनेस, ध्यान के अभ्यासों और जीवन शैली में बदलाव का एक सरल संग्रह प्रदान करता है। इसकी उत्पत्ति बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में हुई और भारत में 1945 में श्री रामचंद्र मिशन की स्थापना के साथ इसे औपचारिक रूप दिया गया, जिसका उद्देश्य था एक एक करके हर हृदय में शांति, ख़ुशी और बुद्धिमत्ता लाना। ये अभ्यास योग का एक आधुनिक रूप हैं जिनकी रचना एक उद्देश्यपूर्ण जीवन की दिशा में पहले कदम के रूप में संतोष, आंतरिक शांति और स्थिरता, करुणा, साहस और विचारों में स्पष्टता लाने के लिए की गई है। वे सरल और आसानी से अपनाए जाने योग्य हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों, संस्कृतियों, धार्मिक विश्वासों और आर्थिक स्थितियों के लोगों के लिए उपयुक्त हैं, जिनकी उम्र पंद्रह वर्ष से अधिक है। हार्टफुलनेस अभ्यासों में प्रशिक्षण हजारों स्कूलों और कॉलेजों में चल रहा है, और दुनिया भर में कॉर्पोरेट निगमों, गैर-सरकारी और सरकारी निकायों में लाखों पेशेवर ध्यान कर रहे हैं। 160 देशों में 5,000 से अधिक हार्टफुलनेस केंद्रों का हजारों प्रमाणित स्वयंसेवी प्रशिक्षकों और लाखों अभ्यास करने वालों द्वारा संचालन किया जाता है।