कर्नाटक विधान सभा के चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त बहुमत हासिल किया है, चुनाव परिणाम पूर्व अकलानो के अनुरूप ही है । जयदातर एग्जिट पोल इसी दिशा में इशारा कर रहे थे। 34 साल में पहली बार कांग्रेस को इतनी बड़ी विजय हासिल हुई है। कांग्रेस को जिस संजीवनी की जरूरत थी वो कर्नाटक ने दे दिया है, यह जीत राहुल गांधी की जीत भी कहा जा सकता हैं। लगातार हो रही करारी हार से राहुल विचलित नही हुए और तमाम अलोचनाओ के बावजूद वो अपनी अलग तरह की राजनीति जारी रखी, हम यह भी कह सकते हैं यह भारत जोड़ो यात्रा की विजय हैं। जनादेश से स्पष्ट है की जनता राज्य सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं थी। हर बार आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ कर नही जीत सकते। अभी यह कहना गलत होगा कि यह चुनाव राष्ट्रीय राजनीति पर कितना असर डालेगा, क्यूकि हर चुनाव के परिस्थितिया अलग होती हैं। हा जरूर कह सकते है विपक्षी एकता का भविष्य जो भी हो, उसकी पहल मे कांग्रेस का पलडा भारी जरूर होगा।
*-नवनीत कुमार, बिहार*