*शिक्षक ने सुसाइड नोट में लिखा – बीईओ व सीएसी को वेतन से कहां तक रूपए दूं
गुना जिले के बमोरी क्षेत्र के गमरिया के डेरा गांव के शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षक धर्मेन्द्र सोनी उम्र 42 वर्ष ने बीते मंगलवार को स्कूल के कमरे में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या में बीईओ राजीव यादव और सीएसी छतर सिंह लोधा पर प्रताड़ना के आरोप लगे हैं। इसके बाद डीईओ ने दोनों को हटाकर मूल पदस्थापना पर भेज दिया है। शिक्षक के पास से जो सुसाइड नोट पुलिस को मिला, उसमें लिखा है कि मैं स्कूल पहुंचने में थोड़ा भी लेट ओ जाऊं, तो बीईओ और सीएसी मेरे स्कूल के फोटो ग्रुप में डाल देते थे, जिसके बाद मैं इन्हें रूपए देता था। अब आखिर कब तक अपने वेतन से रूपए देता रहूं। इन दोनों लोगों ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं एसपी, गुना से घटना की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में जवाब मांगा है।
*पांच साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी के घर के कूलर में मिला हाथ-पैर बंध शव*
भिण्ड जिले के रौन थानाक्षेत्र में कोचिंग के लिये निकले पांच साल के बच्चे की हत्या कर दी गई। उसका शव पड़ोसी के घर में रखे कूलर में मिला। मछंड चैकी प्रभारी ने बताया, पांच साल का एकांश उर्फ गुल्लू पुत्र सुशील तिवारी बीते बुधवार दोपहर 3.30 बजे घर से कुछ दूर कोचिंग गया था। शाम 4.30 बजे तक घर नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। कोचिंग में जानकारी ली, लेकिन बहां बच्चा नहीं मिला। बाद में पुलिस ने गुल्लू के साथ पढ़ने गए बच्चों से पूछा तो उन्होंने इशारे में बताए कि गुल्लू संतोष चैरसिया के घर जाते दिखा था। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर एसपी, भिण्ड से घटना के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है।
*15 वर्षों से झोलाछाप डाॅक्टर कर रहा मरीजों की जान से खिलवाड़*
टीकमगढ़ जिले के पलेरा ब्लाॅक अंतर्गत ग्राम उपरारा में बिना मेडिकल डिग्री झोलाछाप व्यक्ति डाॅक्टर बन मरीजों का उपचार कर रहा है और उसके क्लीनिक पर आने वाले मरीजों को ड्रिप, इंजेक्शन देकर गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहा है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है। लेकिन विभाग न जाने क्यों इस झोलाछाप पर इतना मेहरबान बना हुआ है। जिले भर मेें ऐसे झोलाछापों की भरमार है जो बिना किसी मेडिकल डिग्री के मरीजों का उपचार करते हैं और उन्हें भर्ती कर उनका इलाज भी करते हैं। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर सीएमएचओ, टीकमगढ़ से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*नरसिंहगढ़ कृषि उपज मंडी के किसान भवन पर व्यापारियों का कब्जा, किसान धूप में खड़े*
राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ कृषि उपज मंडी में अपनी उपज लेकर आने वाले किसानों को खुले आसमान तले भीषण गर्मी में खड़े रहना पड़ता है, क्योंकि यहां बनाए गए किसान भवन पर व्यापारियों को कब्जा है। इसके बाहर बोरे रखे रहते हैं। लाखों रूपए खर्च करके किसानों के रूकने, तुलाई में देरी होने पर आराम व भोजन करने हेतु भवन निर्माण किया गया था, लेकिन कई साल बीत जाने के बावजूद किसानों को भवन का आसरा नहीं मिल पा रहा है। इसमें तौलकांटे, पुराने दरवाजे, हस्तचलित कचरा वाहन, लकड़ी आदि भरें हैं और इनको छिपाने के लिए मंडी प्रबंधन ने ताला लगा दिया है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, राजगढ़ से प्रकरण के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है।