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एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज खजूरी कलां, दिव्यांग और ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए एक प्यारा घर

• ऑटिज़्म और विकास से संबंधित समस्याओं वाले 100 से अधिक बच्चे, मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज खजूरी कलां में रह रहे हैं, जिन्हें प्रशिक्षित कर्मचारियों और शिक्षकों से परिवार की तरह देखभाल की सुविधा मिल रही है।

• चिल्ड्रेन्स विलेज में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष रूप से निर्मित विशेष घर, एक विशेष स्कूल, चिकित्सा / थेरेपी इकाइयाँ, और कौशल प्रशिक्षण केंद्र हैं।

• चिल्ड्रेन्सविलेज हाउसेस 2015 में लॉस एंजिल्स में, 2017 में ऑस्ट्रिया में और 2019में अबू धाबी में आयोजित विशेष ओलंपिक प्रतियोगिताओं का विजेता रहा है।

भोपाल : मध्य प्रदेश के भोपाल में खजूरी कलां गाँव स्थित एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज देश का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ इंडिया से संबंधित है जो माता–पिता की देखभाल से वंचित बच्चों और अनाथ बच्चों के समग्र विकास के प्रति समर्पित है। चिल्ड्रेन्स विलेज ʺग्रुप फोस्टर केयरʺप्रदान करने के लिए एक सफल मॉडल के रूप में उभरा है जिसके तहत ऑटिज्म और अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याओं से पीड़ित बच्चों के लिए परिवार की तरह देखभाल की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।

चिल्ड्रेन्स विलेज खजूरी कलां में ऑटिज्म और अन्य मानसिक और शारीरिक समस्याओं से पीड़ित सौ से अधिक दिव्यांग बच्चे रह रहे हैं। इन बच्चों और युवाओं की अद्वितीय विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर में, उनके लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा चौबीसों घंटे समग्र देखभाल की सुविधा सुनिश्चित की जाती है।

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस, 2021 के अवसर पर, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित “चाइल्ड केयर फॉर चिल्ड्रेन हू आर #बॉर्न स्पेशल”पर वर्चुअल सत्र में भाग लेते हुए‚ खजूरी कलां में चिल्ड्रेन्स विलेज के बारे में बात करते हुए, इसके महासचिवश्री सुमंता कर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 68 बच्चों में से एक बच्चे में ऑटिस्टिक स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) का निदान किया जाता है। ये बच्चे अपनी सामाजिक भागीदारी के लिए अवसर प्राप्त करें और एक सार्थक जीवन जीएं‚ यह सुनिश्चित करने के लिए इस बीमारी की जल्द पहचान और इलाज का एक स्केलेबल मॉडल महत्वपूर्ण है।

एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज खजूरी कलां, भोपाल ने 2004 में काम करना शुरू किया था। यह 71 एकड़ भूमि पर स्थित है। यह भारत में दिव्यांग बच्चों की जरूरतों के लिए समर्पित सबसे बड़े प्रतिष्ठानों में से एक है। चिल्ड्रेन्स विलेज को विकलांगता से प्रभावित बच्चों और युवाओं को प्यारा घर, चिकित्सा देखभाल, शिक्षा और प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया गया है। बच्चों के लिए रहने की सुविधा दिव्यांग बच्चों को ध्यान में रखते हुए प्रदान की जाती है। बाथरूम सहित सभी कमरों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है ताकि व्हीलचेयर में या वाकिंग एड के साथ चलने वाले बच्चों को कोई दिक्कत नहीं हो।

श्री कर ने बताया: “वर्तमान में हमारे पास 104 बच्चे हैं, जिनमें ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और मल्टीपल डिसएबिलिटी वाले युवा भी शामिल हैं। सभी बच्चों में से, 18 लड़के और 58 लड़कियां चिल्ड्रेन्स विलेज में रह रहे हैं और 28 युवा यूथ हाउस में हैं। द चिल्ड्रेन्स विलेज में 14 फैमिली हाउस, एक लड़कियों के लिए हाउस और एक यूथ होम हैं जिनमेंबच्चों को14 एसओएस मदर, 13 आंटियों और 3 प्रशिक्षु मदर की प्यार भरी देखभाल में रखा जाता है। यह विकास से संबंधित समस्याओं वाले दिव्यांग बच्चों के लिए लंबे समय तक देखभाल, पुनर्वास और संबद्ध सेवाओं के लिए एक परियोजना है। ”

उन्होंने कहा कि यहां विभिन्न परिस्थितियों से आने वाले बच्चों को उनके विकास में सहायता करने के लिए और उन्हें जीवन की मुख्यधारा में शामिल करने में मदद करने के लिए उन पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें अनुकूलित करने की आवश्यकता होती है। द चिल्ड्रेन्स विलेज हाउसों ने लॉस एंजिल्स में 2015 में ऑस्ट्रिया में 2017 में और अबू धाबी में 2019 में आयोजित विशेष ओलंपिक प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने कहा‚ “6 से 18 वर्ष के बीच के बच्चों को हमारे विशेष गतिविधि केंद्र और फैमिली होम में विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी क्षमता का एहसास करने और अपने सीखने के अनुभव को बढ़ाने का अवसर प्रदान किया जाता है। बच्चों को एक विशेष गतिविधि केंद्र में कार्यात्मक और विशेष शिक्षा प्रदान की जाती है।”

बॉर्डरलाइन और माइल्ड श्रेणी के अंतर्गत आने वाले बच्चे स्थानीय स्कूलों और एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज भोपाल परिसर में स्थित एसओएस हरमन गामिनेर मिडिल स्कूल में पढ़ते हैं। एनजीओ के अपने विशेष गतिविधि केंद्र के तहत एक विशेष शैक्षिक कार्यक्रम में लगभग 50 बच्चों को नामांकित किया गया है। बौद्धिक रूप से अक्षम लगभग 25 बच्चों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के विभिन्न स्तरों पर परीक्षा में शामिल किया जाता है।

विशेष बच्चों के पुनर्वास में कौशल विकास और बच्चों के व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं। एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज खजूरी कलां में एक इनडोर व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया गया है। बच्चों को किराने की सामग्री की पैकेजिंग और सिलाई, ब्लॉक प्रिंटिंग, राखी, लिफाफा और मोमबत्ती बनाने में व्यावसायिक कौशल सिखाया जाता है। एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए स्थापित किया गया था जो बाहरी दुनिया की चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं। इसके अलावा, 28 युवा लड़कों और लड़कियों को कृषि और बागवानी से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है जो प्राकृतिक वातावरण में काम करना, बागवानी सीखना और इसमें व्यवसाय करना चाहते हैं। खेती संबंधित कामकाज के बारे में युआवों को प्रशक्षित करने के लिए खेती और डेयरी प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं।

श्री कर ने कहा कि हमारे बच्चों को व्यक्तिगत सहायता देने के लिए विलेज में परिसर के अंदर विशेष स्कूल के अलावा फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, हाइड्रोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा इकाइयाँ हैं। एक फार्म और एक डेयरी इकाई है जहां बच्चों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसका उनके विकास पर चिकित्सीय प्रभाव पड़ता है।

वर्चुअल सत्र में एसओएस मदर्स, प्रशिक्षित देखभालकर्ताओं की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने दिव्यांग बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखने और उनकी भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने पर पर अपनासुझाव दिया। विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस हर साल 2 अप्रैल को मनाया जाता है। 2021 के लिए, इसका थीम हैʺकार्यस्थल में समावेश: महामारी के बाद की दुनिया में चुनौतियां और अवसरʺ।

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