एण्डटीवी का ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं‘ एक और बड़ा ट्विस्ट लेकर आ रहा है। भगवान हनुमान (दानिश अख्तर) के आशीर्वाद से स्वाति(तन्वी डोगरा) की याद्दाश्त वापस आ गई है, लेकिन उसका अपने पति इंद्रेश (आशीष कादयान) और अपने परिवार के पास वापस लौटने का रास्ता बिलकुल भी आसान नहीं होने वाला है। स्वाति में एक आदर्श और भरोसेमंद साथी पाकर, देवेश (धीरज राय), जबरदस्ती उससे शादी करना चाहता है और असुर रानी पॉलोमी (सारा खान) से प्रभावित होकर वह लगातार स्वाति को ड्रग्स देता है, ताकि स्वाति अपने अतीत और इंद्रेश को पूरी तरह से भूल जाए। लेकिन, जब उनकी ये चालें काम नहीं करती हैं तो वह उस पर शारीरिक हमला करके, उस पर गोलियां चलाकर और उस पर लगातार अत्याचार करते हुए उससे जबरदस्ती करने की कोशिश करता है।
हालांकि, स्वाति इन सब अत्याचारों से भी नहीं रुकती और वह उसके साथ रहने के लिए साफ-साफ इनकार कर देती है। स्थिति तब और बुरी हो जाती है जब भगवान हनुमान वहां आकर इस मामले में हस्तक्षेप करते हैं जिसके कारण, देवेश स्वाति के साथ फेरे पूरे करने में असमर्थ रहता है। गुस्से से भरा हुआ देवेश स्वाति को एक कमरे में बंद कर देता है और भगवान हनुमान उसे उसकी शादी की अंगूठी देते हैं ताकि उसे इंद्रेश के साथ बिताए अच्छे पलों के बारे में कुछ याद आ सके। क्या इससे स्वाति को वापस लड़ने की हिम्मत मिलेगी या फिर वो शांति से अपने भाग्य के साथ समझौता कर लेगी? आगे भगवान हनुमान और संतोषी मां (ग्रेसी सिंह) स्वाति को इस स्थिति से बाहर निकालने में कैसे मदद करेंगे?
इस बीच सिंहासन के घर में लैला (रिद्धिमा तिवारी) बबली को ब्लैकमेल कर रही है ताकि वह उनके घर में हमेशा के लिए रहने के लिए अपना रास्ता बना सकें। अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए तन्वी डोगरा ने कहा श्मैंने खास तौर पर उन चुनौतियों का पूरा आनंद लिया, जिसका सामना स्वाति कर रही है, देवेश एक बहुत ही मजबूत किरदार है और वह उसके लिए बहुत ही बड़ा खतरा बन गया है। इस तरह के नाटकीय सीन्स को निभाना बहुत ही मजेदार होता है क्योंकि ये आपको आपकी सीमा लांघने में मदद करता है। दर्शक निश्चित रूप से स्वाति की और रामायण में दिखाई गई देवी सीता की निराशा के बीच एक रिश्ता देखने को मिलेगा। मैं इस ट्रैक पर दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने के लिए बहुत ही उत्साहित हूं।