– 30 नवंबर को शुरू हुई थी उमा सिंह की यात्रा 2000 किलोमीटर पूरे कर पहुंचे भोपाल
– क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया एवं नारी सशक्तिकरण का दे रहे संदेश
आम सभा (हिमांशु सिंह) भोपाल। हिम्मत और हौसला हो तो कोई ऐसा काम नहीं जो किया नहीं जा सकता इस बात को सच कर दिखाया है गोरखपुर के ग्राम गोरसैरा के निवासी उमा सिंह ने जो 100 दिन 12 हजार किलोमीटर से साइकिल एक्सपीडिशन पर निकले हुए हैं और देश के 28 राज्यों की राजधानी में जाकर “क्लीन इंडिया और नारी सशक्तीकरण” का संदेश पहुंचाएग उमा सिंह शनिवार की शाम राजधानी भोपाल पहुंचे। जहां लोगों ने उनका माला पहनाकर स्वागत किया। इस सार्थक विचार को प्रसारित करने का जो साथी ने दिखाया है उनकी भरपूर प्रशंसा हो रही है उन्होंने बताया कि वे अपने गांव गोरसैरा से 30 नवंबर को निकले थे और 13 दिन में उन्होंने 2000 किलोमीटर की अपनी यात्रा पूरी कर ली है उन्होंने बताया कि वे सबसे पहले उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर होते हुए शनिवार को भोपाल पहुंचे इसके बाद वे मुंबई जाएंगे वे अपने एक्सपीडिशन का समापन अरुणाचल प्रदेश के इटानगर करेंगे।
बिना ऑक्सीजन फतह करना है एवरेस्ट
उमा ने बताया कि वह वर्ष 2019 से साहसिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं उन्होंने अटल बिहारी वाजपई माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट मनाली से माउंटेनियरिंग का कोर्स किया है और वे स्वामी विवेकानंद माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट में वे ट्रेनर के रूप में भी जुड़े हुए हैं उमा ने बताया कि वर्ष 2018 में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान क्लास में बैठा हुआ था तब हमारे टीचर माउंट एवरेस्ट के बारे में बता रहे थे मैंने जब एवरेस्ट के बारे में सुना तो मैं बहुत प्रभावित हुआ तभी से सोच लिया कि एवरेस्ट फतह करना है मेरा लक्ष्य यही है कि मैं 1 दिन बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट फतह कर नया रिकार्ड बनाऊँ उन्होंने बताया कि एक्सपीडिशन के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक का साइकिल एक्सपीडिशन करूंगा कि मुझे माउंट एवरेस्ट के लिए स्पॉन्सरशिप मिल सके ।
विधायक सांसदों ने नहीं आम लोगों ने मदद की
उमा ने बताया कि इस एक्सपीडिशन में पूरा खर्च ₹150000 का आ रहा है इसमें अभी भी उनके पास ₹85000 की कमी है उन्होंने बताया कि मदद के लिए गांव एवं समाज के ही कुछ लोग आगे आए हैं कुछ आस पास के गांव वालों ने भी मदद की कुछ विधायक और सांसदों से भी मिले लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की जिस साइकिल से वे एक्सपीडिशन में चल रहे हैं तो अब ₹65000 की है जिसमें उन्होंने अभी तक ₹20000 दिए हैं और अभी भी ₹45000 देना बाकी है।
प्रतिदिन चलाता हूं 200 किलोमीटर साइकिल
उन्होंने बताया कि अब तक का 2000 किलोमीटर का सफर बहुत अच्छा रहा किसी तरह की बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा सिर्फ साइकिल का प्रतिदिन पंचर होना थोड़ा परेशान करता है उमा ने बताया मैं प्रतिदिन 200 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं अब तक 1 दिन में चंडीगढ़ से दिल्ली 256 किलोमीटर सबसे ज्यादा चलाई रास्ते में लोग भी अच्छे मिलते हैं और मेरे संदेश को समझते भी हैं मैं यात्रा में अपने साथ पानी की बॉटल, कोई जरूरत की सामग्री, फर्स्ट एड, मेडिसिन और साइकिल रिपेयरिंग के टूल्स रखता हूं।