इस दिवाली एण्डटीवी के कलाकार, जैसे ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) और मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौर), ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी‘ की गुड़िया (सारिका बहरोलिया), ‘संतोषी माँ सुनाएं व्रत कथाएं‘ की संतोषी माँ (ग्रेसी सिंह), ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) अपने लिये कड़ी मेहनत कर रहे विभिन्न लोगों के साथ उत्सव मनाने के लिये साथ आये हैं। इसके पीछे उनका विचार है ‘खुशियों का एक दीया जलाओ’।
शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘दिवाली का गिफ्ट और बोनस ऐसी चीजें हैं, जिनका हमारे घर में काम करने वाले सारे लोग पूरे साल इंतजार करते हैं! पहले, मैं उनके काम के लिये उनकी सराहना के तौर पर कैश और एक छोटा, लेकिन उपयोगी गिफ्ट देती थी और त्यौहारों के मौसम को उनके लिये जगमगा देती थी। इस साल, मैंने इन लोगों को आनलाइन खरीदारी करवाने का फैसला किया है। वे भी इस बात से बहुत रोमांचित हैं। तो आप भी इसी तरह ‘खुशियों का एक दीया जलाओ’ किसी अपने के चेहरे पे मुस्कुराहट लाओ।’’
योगेश त्रिपाठी ने कहा, ‘‘इस साल दिवाली थोड़ी अलग रहेगी। हम मिठाइयों और खास स्नैक्स के साथ देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिये अपने घर को तैयार करेंगे। जैसे दीये उम्मीद और खुशियाँ फैलाते हैं, उसी तरह इस दिवाली, आओ ‘जलायें खुशियों का एक दीया’ जो रोशन करे किसी की जिन्दगी का अंधेरा। आइये, हम हमारी जिन्दगी को ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिये चैबीसों घंटे काम कर रहे लोगों के जीवन में आनंद और उम्मीद भरें। हम अपनी हाउस हेल्प और उसके परिवार को खास भोज देना चाह रहे हैं, जिसे मैं और मेरा परिवार पकाएगा, ताकि हम उनके प्रति आभार और प्रशंसा व्यक्त कर सकें।’’
सारिका बहरोलिया ने कहा, ‘‘इस साल उत्सव सीमित और घर के अंदर ही या वर्चुअल होगा। चूंकि, मैं अपने घर से दूर हूँ, तो मेरी आन-सेट फैमिली के साथ रोशनी का त्यौहार मनाना चाहती हूँ और मेरे मेक-अप, कास्ट्यूम स्टाफ और खासतौर से पूरे सपोर्ट स्टाफ को गिफ्ट और मिठाइयाँ देना चाहती हूँ। मैं उनके लिये कुछ ज्यादा खास करना चाहती थी। चूंकि खाना और मिठाइयाँ मुझे बहुत खुश कर देते हैं, मैं उनके साथ भी वही खुशी बांटना चाहती हूँ। इस बार, आप ऐसे ही किसी की जिन्दगी में ‘खुशियों का एक दीया जलायें’ और ढेर सारी खुशियाँ फैलायें।’’
ग्रेसी सिंह ने कहा, ‘‘दिवाली मेरे लिये एक बहुत खास पारिवारिक मामला है। मैं अपने घर को दीये, फानूस और फूलों से सजाना पसंद करती हूँ। इससे सकारात्मकता और खुशी आती है। दिवाली की पूजा के बिना उत्सव अधूरा है। मैं पटाखे जलाने से बचती हूँ और इसके बजाए किसी की जिन्दगी को रोशन करने की कोशिश करती हूँ। इस साल, हम वंचितों के लिये काम करने वाले एक एनजीओ को सपोर्ट करना चाहते हैं और उनके लिये त्यौहारों के गुडीज खरीदना चाहते हैं, जिससे उनके जीवन में खुशियों का एक दीया जगमगाएगा।’’
रोहिताश्व गौर ने कहा, ‘‘मुझे मिठाइयाँ सबसे ज्यादा पसंद हैं और त्यौहारों के दौरान मैं उन पर टूट पड़ता हूँ। गुझिया, मठरी, चकली, खोया पेड़ा, खीर और बेसन के लड्डू मेरे फेवरेट हैं। इस साल दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा वर्चुअल विजिट्स और सेलीब्रेशंस होंगे। हालांकि, इसे ज्यादा खास बनाने के लिये, हमने छोटे लोकल वेंडर्स को सपोर्ट करने का फैसला किया है, हम उनसे दीये और दूसरी सजावटी चीजें लेंगे, लेकिन सजावट खुद करेंगे। अपने हाउस हेल्प, सिक्योरिटी, मेंटेनेंस सपोर्ट स्टाफ को बोनस देने के अलावा, हम उन्हें घर की बनी मिठाइयाँ और स्नैक्स भी बांटना चाहते हैं। ये दिवाली है कुछ खास, तो ‘खुशियों का एक दीया जलाए’ अपनों के साथ।’’