पटना.
कोरोना वायरस के डर के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के मरकज का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, तबलीगी जमात के कार्यक्रम के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं. इसी मामले में आरएलएसपी ने दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े में तबलीगी जमात के मरकज़ पर सवाल उठाया है.
आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने साफ़ तौर पर कहा है कि तबलीगी जमात के लोगों को इस तरह का धार्मिक आयोजन नहीं करना चाहिए था. बिहार से भी जमात की मीटिंग में शामिल होने लोग गए थे जिनको ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बिहार की किसी विपक्ष की पार्टी की तरफ से इस बार खुल कर जमात के धार्मिक आयोजन पर सवाल उठाया गया है.
जमात के लोगों को सरकार को सहयोग करना चाहिए
खास तौर से जमात के लोगों को जहां क्वारंटाइन किया गया है, वहां उनकी तरफ से सहयोग न करना सबसे बड़ा मुद्दा है. माधव आनंद ने अपने बयान में कहा है, जमात के लोगों की तरफ़ से अब डाक्टर से भी सहयोग नहीं किया जा रहा है, जो उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जमात के लोगों को सरकार का सहयोग करना चाहिए क्योंकि, सबको मिलकर कोरोना के संक्रमण से बचाना है और इस लड़ाई को लड़ना है.
275 तबलीगी जमात के लोगों की पहचान
बता दें कि मरकज में शामिल हुए 275 तबलीगी जमात के लोगों की पहचान कर ली गई है. ये सभी लोग विदेशी हैं और अब इन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच और दिल्ली सरकार ने एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया जिसके बाद 172 इंडोनेशियाई, 36 किर्गिस्तान और 21 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन किया गया है. ये सभी लोग कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध हैं. गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को स्पेशल सेल ने 200 विदेशियों के संबंध में दिल्ली सरकार को रिपोर्ट भी दी थी, वे सभी मरकज में शामिल हुए थे. अब क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 275 लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट किया है.