कोरोना वायरस महामारी को लेकर आयुष (AYUSH) पेशेवरों के साथ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। प्रधानमंत्री ने आयुष दवा निर्माताओं को अपने संसाधनों का उपयोग कर सैनिटाइज़र जैसी आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन का सुझाव दिया। साथ ही टेलीमेडिसिन के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर महामारी से लड़ने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इस महामारी की चुनौती से निपटने के लिए देश को सारे स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों का उपयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। सरकार जरुरत पड़ने पर आयुष से जुड़े प्राइवेट डॉक्टरों से मदद लेगी।’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया है। इस दौरान केवल जरूरी चीजों के लिए जैसे खाद्य सामग्री, डेयरी प्रोडक्ट व दवाईयों आदि के लिए छूट दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष सेक्टर में देश को स्वस्थ रखने की लंबी परंपरा रही है। इसके तहत कोविड-19 के लिए किए जा रहे प्रयासों मेें इसका महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने घर पर योगा के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जारी प्रयासों की भी प्रशंसा की। आयुष के देशभर में फैले नेटवर्क को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए लोगों को जागरूक करें ताकि कोरोना वायरस की महामारी को नियंत्रण किया जा सके।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के नायडू अस्पताल की नर्स को फोन किया और उनकी सराहना की। इस टेलीफोन वार्ता का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रधानमंत्री ने नर्स को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए बधाई दी ओर कहा कि उनके जैसे कई पैरामेडिक स्टाफ और डॉक्टर हैं जो सच्चे तपस्वी हैं और कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। बता दें कि पुणे में यह अस्पताल कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रही है।
देश में संक्रमण का पहला मामला केरल में देखने को मिला। शनिवार सुबह 3 बजे तक भारत में कुल 834 संक्रमण के मामले दर्ज हुए। देश का सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है जहां मरीजों की संख्या 180 हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर के 202 देश इस वायरस के संक्रमित हो चुके हैं।