आम सभा, भोपाल : चंदेरी जिला भाजपा द्वारा जारी मंडल अध्यक्षों की सूची में चंदेरी नगर से राघवेंद्र सिंह सैंगर की विधिवत घोषणा की गई है इस नाम की घोषणा ने सभी भाजपा कार्यकर्ताओं सहित नागरिकों को भी अचंभित कर दिया है क्योंकि बरसों से जो भारतीय जनता पार्टी पार्टी के लिए तन मन धन से कार्य करते चले आ रहे हैं बे वरिष्ठ कार्यकर्ता आज इस पद के दावेदारी के लिए प्रयास कर रहे थे किंतु संगठन एवं जिला भाजपा के द्वारा महज 2 वर्ष पूर्व कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेता को मंडल अध्यक्ष पद की विधिवत घोषणा कर दी गई है।।
दल बदलने में माहिर हैं नेताजी
राघवेंद्र सिंह सेंगर की पृष्ठभूमि में यह पूर्व में आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता एवं चंदेरी से पदाधिकारी रहे हैं इसके पश्चात आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता लेकर वार्ड क्रमांक 04 से कांग्रेस के चुनाव चिन्ह का उपयोग कर पार्षद बने कांग्रेस पार्टी के मैंडेट पर जिला योजना समिति के सदस्य भी बने इसके पश्चात वह पाला बदलते हुए दिसंबर 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और वर्तमान में एन केन प्रकारेण भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष चंदेरी बनने में सफलता भी हासिल कर ली।
ज्ञातव्य हो कि सेंगर द्वारा कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेलजोल बढ़ाकर भाजपा में शामिल हुए जबकि आज भी कांग्रेस पार्टी के मैंडेट पर विजयी पार्षद एवं जिला योजना समिति सदस्य भी हैं। भले ही इस वास्तविकता को राघवेंद्र सिंह के द्वारा नकारा जाए परंतु यह सच है कि अभी भी यह कांग्रेस पार्टी के मैंडेट पार्षद व जिला योजना समिति के सदस्य हैं।
भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य जनक पहलू
चूंकि की दल बदल कानून में पूर्ववर्ती मैंडेट से विजयी पार्षद/ विधायक/ सांसद के विजयी होने के पश्चात उनके दल बदल करने पर मैंडेट निरस्त करने का प्रावधान नहीं है इसका ही फायदा उठाकर राघवेंद्र सिंह सेंगर द्वारा पद प्राप्ति की लालसा में कांग्रेसमें रहते हुए वर्ष 2014 में केंद्र सरकार में भाजपा की सरकार बनते ही अपना दल बदल किया और जोड़-तोड़ की राजनीति कर अपने आपको आज मंडल अध्यक्ष बनवा लिया।।
भारतीय राजनीति का यह दुर्भाग्य जनक पहलू है कि दलबदल करने वाले नेताओं पर सख्ती का कोई प्रावधान नहीं है इससे स्पष्ट हो गया है कि नेताओं द्वारा जो दल बदल कानून संसद में पास कर दिया गया है उसमें कई पोले पहले से ही स्थापित कर दी गई हैं इसी के ही परिणाम स्वरूप हाल ही में कर्नाटक राज्य के 17 विधायक जो दलबदल किए गए थे उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनकी सदस्यता को समाप्त कर दी गई परंतु उन्हें उप चुनाव लड़ने से वंचित नहीं किया गया।
उम्र को प्राथमिकता देकर बनाया मंडल अध्यक्ष
भाजपा चंदेरी के सक्रिय कार्यकर्ताओं की माने तो भाजपा संगठन एवं जिला भाजपा द्वारा विगत कई दिनों से मंडल अध्यक्ष के चयन को लेकर प्रक्रिया चल रही थी जिसमें कई प्रकार की योग्यताओं के मापदंड चयन समिति द्वारा अपनाए गए थे किंतु घोषणा के 1 दिन पूर्व रायशुमारी के रूप में जो सक्रिय कार्यकर्ताओं की राय जिला भाजपा द्वारा ली गई थी वह महज औपचारिकता मात्र प्रतीत होती है जिसमें कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि हमारी राय तो ली गई है किंतु यह सब संगठन का पूर्व सुनियोजित कार्यक्रम प्रतीत हुआ है जिसमें पारदर्शिता नाम मात्र को देखने को भी नहीं मिली है और सक्रिय कार्यकर्ताओं के महत्व को भी ध्यान में नहीं दिया गया है। साथ ही वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को अनदेखा कर केवल उम्र के आधार पर मंडल अध्यक्ष चंदेरी का चयन कर लिया गया