– विश्वरंग के समापन कार्यक्रम में प्रोजेक्ट बैंड की प्रस्तुतियों पर झूमे युवा
आम सभा, भोपाल : टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य और कला महोत्सव विश्व रंग के अंतिम दिन रविवार को “प्रोजेक्ट बैंड- रघु दीक्षित” ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। बैंड ने गीत दिल चंगा, दिल चंगा…के साथ लयबद्ध शाम का आग़ाज़ किया। मस्ती की बस्ती… सहित कई गीतों की प्रस्तुतियों पर युवा काफी देर तक थिरकते रहे। 2005 में गठित अपने बैंड और इसके अनूठे नाम के बारे में बात करते हुए रघु ने कहा कि किसी भी अन्य बैंड के विपरीत, प्रोजेक्ट एक स्थिर बैंड नहीं है। रघु के अलावा बाकी सभी सदस्य लगभग हर 6 महीने में बदलते रहते हैं। यह बैंड में नयापन रखता है और उन्हें हर बार नए संगीतकारों से मिलाता है। गीतों की अपनी शैली के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह खुद को शहरी लोक गायक मानते हैं, क्योंकि संगीत में कोई उचित प्रशिक्षण नहीं होने के कारण वह अपने दिल से गाते हैं और वही असली लोक गायन है।
उन्होंने आगे कहा कि वे ज्यादातर कन्नड़ और अन्य भाषाओं के प्राचीन साहित्य से रचनाएँ गाते हैं। वे कन्नड़ संत संत शिशुनाडा शरीफ के कामों और कई और गीतों पर भी काम करते हैं। बैंड कभी भी कोई उदास गीत या कविता नहीं गाता है क्योंकि उनका मानना है कि उनके दर्शकों को शांतिपूर्ण और प्रसन्न मन से घर जाना चाहिए। रघु ने शेफ, बेवकूफियां, मुझसे फ्रेंडशिप करोगे जैसी फिल्मों में विभिन्न गीत गाए और नवीनतम गली बॉय में उनका गीत है। विश्वरंग के समापन अवसर पर आयोजित रघु दीक्षित बैंड की प्रस्तुति के दौरान विशेष रूप से विधायक व युवा नेता कुणाल चौधरी उपस्थित थे। उन्होंने विश्वविद्यालय को विश्वरंग के सफल आयोजन की बधाई दी और कहा कि गुरुदेव के नाम पर आयोजित यह विश्व रंग युवाओं को प्रेरणा देगा जिससे वे सकारात्मक रूप से देश व प्रदेश को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। युवा वर्ग को साहित्य, कला, संस्कृति की नई सौगात विश्वरंग ने प्रदान की है जिससे कई युवा भविष्य में साहित्य, कला और संस्कृति के विश्व पटल पर देश का नाम स्वर्ण अक्षरों से रेखांकित करेंगे।