ग्वालियर में शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की ब्रेक फास्ट डिप्लोमेसी से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों ने पूरी तरह किनारा कर लिया था. दिग्विजय सिंह से मिलने उनके खास समर्थकों के साथ एक विधायक पहुंचे थे. जबकि सिंधिया समर्थक मंत्री, विधायक और शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित अन्य कांग्रेसी नदारद रहे.
बीजेपी ने दिग्गी राजा की ब्रेक फास्ट डिप्लोमेसी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस एक्सपायरी डेट के नजदीक पहुंच गई है, जिसमें सिंधिया, कमलनाथ और दिग्गी गुट टकरा रहे हैं. तो वहीं कांग्रेस ने कहा कि दिग्गी राजा की मुलाकात अनौपचारिक थी, लिहाजा जिनके पास वक्त था वो दिग्विजय सिंह से मिलने पहुंचे थे.
दिग्गी राजा से नहीं मिले सिंधिया समर्थक
मध्यप्रदेश में पीसीसी चीफ चुनना पार्टी आलाकमान के लिए बड़ा चैलेंज बन गया है, दरअसल पीसीसी चीफ के लिए सिंधिया, दिग्गी और कमलनाथ गुट में टकराव चल रहा है. इसकी बानगी दिग्विजय सिंह के ग्वालियर दौरे में भी देखने को मिली. दिग्विजय सिंह ग्वालियर में अपने खास समर्थक अपेक्स बैंक के चेयरमेन अशोक सिंह के घर पहुंचे थे. दिग्गी के साथ नाश्ता करने के लिए उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा था, लेकिन सिंधिया समर्थक मंत्री, विधायक या पदाधिकारी दिग्विजय सिंह से मिलने नहीं पहुंचे. जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी दिग्गी से किनारा कर लिया था.
बीजेपी का तंज
बीजेपी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस अब एक्सपायरी डेट के नजदीक पहुंच गई है. सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय के गुट आपस में लड़कर कांग्रेस को खत्म करेंगे. उधर कांग्रेस पदाधिकारियों का मानना है कि अंचल में पीसीसी चीफ को लेकर किसी तरह की लामबंदी नहीं हो रही है, न ही पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी है. दिग्विजय सिंह का ब्रेक फास्ट आयोजन निजी कार्यक्रम था, इसमे किसी को बुलाया ही नहीं गया था. जो कांग्रेसी इसमे आए वो अपने मन से आए हैं.
राजा-महाराज में वर्चस्व की जंग
दिग्गी राजा का ग्वालियर दौर कहीं न कहीं महाराज के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. सिंधिया समर्थकों ने दिग्गी राजा से दूरी बनाए रखी, लिहाजा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजा और महाराज गुट में वर्चस्व जमाने के लिए खींचतान ज़रूर मचेगी.