आम सभा, भोपाल : महर्षि मंगलम भवन, रतनपुर, भोपाल में दो दिवसीय श्री गुरुपूर्णिमा महोत्सव प्रारंभ हुआ। प्रतिवर्ष की भांति महर्षि संस्थान में होने वाला यह एक प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। महर्षि महेश योगी संस्थान में आज वैदिक गुरु परम्परा एवं परम् पूज्य गुरुदेव ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज का पूजन एवं महर्षि महेश योगी जी के द्वारा वैदिक संस्कृति के उत्थान और पुर्नस्थापना का स्मरण करते हुए गुरुपूर्णिमा का दो दिवसीय महोत्सव आज से आरंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्रह्मचारी गिरीश जी ने उपस्थित जनसमूह को गुरु पूर्णिमा का महत्व समझाते हुए कहा कि गुरु की महिमा की कोई सीमा नहीं होती है, हम उसका जितना गुणगान करें उसका महत्व कम नहीं होता। अतः हमें हर पल, हर दिन गुरु की कृपा का स्मरण करना चाहिए।
इस अवसर पर महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भुवनेश शर्मा ने विश्वविद्यालय की इस वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सत्र में नियमित छात्र के रूप में 2002 एवं दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 54,000 छात्र-छात्राओं ने अध्ययन किया। विश्वविद्यालय में 1331 छात्र नियमित यज्ञ, अनुष्ठान एवं रूद्राभिषेक में प्रतिदिन शामिल होकर व्यवहारिक अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। वहीं 200 से अधिक विदेशी नागरिकों ने भावातीत ध्यान में सक्रिय सहभागिता की। उनका कहना था कि इस वर्ष विश्वविद्यालय में नक्षत्र उद्यान, औषधि उद्यान सहित भाषा प्रयोगशाला की स्थापना की गई है और गौ-पालन हेतु गौशाला का निर्माण किया गया है। इन सभी उपलब्धियों को उन्होंने गुरु चरणों में समर्पित किया एवं आगामी वर्ष से विभिन्न नये पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु गुरुदेव का आर्शीवाद मांगा।
महर्षि शिक्षा संस्थान के उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि पूरे देश में 154 महर्षि विद्या मंदिर, 13 किड्स होम एवं 4 प्रबंध संस्थान सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। आज महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों में 85,000 विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं जो सीबीएसई एवं अन्य बोर्डों से संबंध हैं। उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए जोशी जी ने कहा कि कक्षा बारहवीं में सीबीएसई परीक्षा में 46 छात्रों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किये हैं जबकि कक्षा दस में 313 छात्र-छात्राओं ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किये हैं, जिन्हें गुरु चरणों में समर्पित किया जा रहा है। विद्यालय समूह के 236 छात्र-छात्राओं ने गोल्ड एवं सिल्वर मेडल प्राप्त किये। अंग्रेजी ओलंपियाड में गोल्ड मेडल की उपलब्धि भी पाई है। जोशी जी ने आगामी वर्ष में वैदिक हेल्थ सेंटर के अंतर्गत महर्षि वैदिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के लिए गुरुदेव से विशेषकर आयुर्वेद के क्षेत्र में आर्शीवाद मांगा।
महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी, बिलासपुर के कुलपति डॉ. पंकज त्रयंम्बक चांदे ने कहा कि यह विश्वविद्यालय वर्ष 2002 से कार्यरत था किन्तु 2015 में कुछ व्यवधान आया जिसको दूर करने के लिए 77 अध्यादेश प्रस्तुत कर दिये गये हैं। संभवतः एक-दो माह में पुनः अनुमति मिल जायेगी, जो हम गुरु चरणों में समर्पित करते हैं। हम आगामी वर्ष में मंदिर प्रबंधन में डिग्री एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ कर सकें इसका आर्शीवाद परम् पूज्य गुरुदेव से मांगते हैं।
महर्षि कौशल विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक नरेंद्र वीर सिंह त्यागी ने सिलाई सेंटर प्रारंभ कर प्रशिक्षण प्रारंभ होने एवं इस संस्थान में स्कूली बच्चों की यूनिफार्म तैयार कर के प्रदाय करने की उपलब्धियों को श्री गुरु चरणों में समर्पित करते हुए कहा कि आगामी वर्ष में इस प्रशिक्षण से 500 लोगों को जोड़ा जाएगा। जिसका हम परम् पूज्य गुरुदेव से आर्शीवाद मांगते हैं ताकि हम इस संकल्प को पूरा कर सकें।
ध्यान सिद्धि कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक राम विनोद गौर ने महर्षि वेद विज्ञान विश्व विद्यापीठ्म की इस वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 6000 से अधिक वैदिक पंडित अभी तक पाँच लक्ष्य चंडी यज्ञ कर चुके हैं एवं छठवाँ निरंतर जारी है। इसके अतिरिक्त भावातीत ध्यान शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं भारत के केंद्र बिंदु करौंदी में 1331 पंडितों द्वारा निरंतर पूजन, पाठ, यज्ञ एवं हवन का कार्यक्रम चल रहा है जो हम श्री गुरु चरणों में समर्पित करते हैं। महर्षि वेद विज्ञान प्रकाशन द्वारा अभी तक 22 पुस्तकें हिंदी में प्रकाशित की जा चुकी हैं एवं 20 आडियो सीडी जारी हो चुकी हैं।
इस अवसर पर मंच पर निदेशक निर्माण महर्षि विद्या मंदिर समूह, अखिलेश श्रीवास्तव, विश्व शांति आंदोलन की राष्ट्रीय संचार सचिव श्रीमती आर्या नंदकुमार उपस्थित थीं। इस अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर रतनपुर के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। दूसरे सत्र में महर्षि विद्या मंदिर रतनपुर, अयोध्या नगर, त्रिलंगा एवं महर्षि सेंटर फार एजुकेशनल एक्सीलेंस के छात्र-छात्राओं ने सामूहिक भजन की प्रस्तुति दी।