नई दिल्ली। अगर आप बैंकिग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब भाषाओं के चयन की पहले जैसी बाध्यता नहीं रहेगी और आपको हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षा देने का मौका मिलेगा। बैंकिंग की परीक्षाएं अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित की जाएंगी।
दरअसल, दक्षिण भारत राज्यों के सांसदों ने लोकसभा में मांग रखी थी कि बैंक भर्ती की परीक्षा स्थानीय भाषाओं में भी कराई जाए, जिसे अब सरकार ने मान लिया है। यह मुद्दा सबसे पहले गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद जी सी चंद्रशेखर ने उठाया था, उन्होंने कन्नड़ भाषा में बोलते हुए उन्होंने कहा भारतीय बैंकिंग सेवा परीक्षा और अन्य भर्ती परीक्षाएं स्थानीय उम्मीदवारों की सुविधा के लिए अंग्रेजी और हिंदी के साथ-साथ स्थानीय भाषा में आयोजित होनी चाहिए है। जिससे उम्मीदवारों को परीक्षा देने वाले आसानी होगी।
इस मामले पर सीतारमण ने कहा था कि लोकसभा के सांसदों ने भी इस मुद्दे पर बैठक की थी। उन्होंने आश्वसान दिया था कि इम मामले में वह कोई न कोई कदम लेगी।आपको बता दें कि पहले परीक्षा का आयोजन हिंदी और अंग्रेजी भाषा में किया गया था।